इंदिरा आवास की छत गिरने से दहशत में छावनी
कासगंज, संवाद सहयोगी : शहर से सटे गांव छावनी में इंदिरा आवास योजना के तहत बने मकान की छत गिरने से हुए हादसे के बाद ग्रामीणों में दहशत है। गांव में करीब 40 मकान इंदिरा आवास योजना के तहत बने हैं। इन सभी की हालत दयनीय है। दीवारें चटक रही हैं। छत टपक रही हैं। इनमें रहने वाले परिवारों को रातभर नींद नहीं आई। हर कोई सहमा हुआ है।
छावनी में सोमवार को एक इंदिरा आवास की छत गिरने से महिला की मौत हो गई थी। वहीं, परिवार व पड़ोस के सात लोग घायल हुए थे। गांव की आबादी करीब पांच हजार है। मतदाताओं की संख्या 16 सौ है। यहां सभी जाति एवं धर्म के लोग रहते हैं। वर्ष 2007 से 2009 तक करीब 40 पात्रों का इंदिरा आवास योजना का लाभ मिला था। आवास बनवाने के लिए लाभार्थी के खाते में 25 हजार रुपये सरकार की ओर से मिले थे। तत्कालीन प्रधान ने ग्रामीणों को चिह्नित कर लाभान्वित कराया था। करीब 15 साल बीत जाने के बाद इन आवासों की स्थिति दयनीय हो गई है। दीवारें चटक चुकी हैं। छत में दरारें पड़ गई हैं। वर्षा में इन छतों से पानी टपकता है। हालात नाजुक हैं। कभी भी आवास गिर सकते हैं। सभी आवास गरीब तबके के लोगों के हैं, जो इनकी मरम्मत कराने में सक्षम नहीं हैं। मेहनत मजदूरी कर दो जून की रोटी कमा पा रहे हैं। सरकार की ओर से किसी तरह का लाभ नहीं मिल रहा है।
वर्ष 2007 में पति फूल सिंह के नाम इंदिरा आवास की अनुदान राशि खाते में आई थी। इससे आवास बनवा लिया। 15 वर्ष हो गए हैं। अब मकान की हालत जर्जर है। दरवाजे की हालत खस्ता हो गई है। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। छोटे-छोटे बच्चे हैं। दहशत के मारे रातभर घर में सो नहीं पाए हैं।
- रामश्री, ग्रामीण
मां पुष्पा देवी को साल 2009 में इंदिरा आवास का लाभ मिला था। उस समय कुछ पैसे घर से लगाकर मकान तैयार कराया था। आज मकान की हालत खराब हो चुकी है। दीवारें जगह-जगह चटक गई हैं। छत पर पड़े आरबी के लेंटर से सीमेंट छूटने लगा है। कभी भी हादसा हो सकता है। परिवार दहशत में है।
- देवेंद्र, ग्रामीण
नाना राम स्वरूप को पात्रता सूची में शामिल कर तत्कालीन प्रधान ने आवास योजना का लाभ दिलाया था। जितनी धनराशि मिली मकान में लगा दी थी। फर्श आज भी कच्चा है। गुजरबसर कर रहे हैं। जो कमरा आवास के नाम पर तैयार कराया था, उसमें केवल सामान भरा रहता है। परिवार के लोग दूसरे कमरे में रह रहे हैं।
- प्रशांत कुमार, ग्रामीण
पुराने समय में सरकार से अनुदान कम मिलने के कारण मजबूत आवास नहीं बनपाए। अब प्रदानमंत्री आवास योजना में सरकार ढाई लाख रुपये की धनराशि अनुदान के रूप में दे रही है। मेरे द्वारा पात्रों की सूची तैयार कर विभाग को सौंप दी है। बजट आने पर ग्रामीण लाभांवित होंगे।
-सपना देवी, ग्राम प्रधान
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गांव के अन्य आवास भी क्षतिग्रस्त
गांव में इंदिरा आवासों के अलावा भी कई मकान ऐसे हैं जो जर्जर हाे चुके हैं। लोग इनमें निवास कर रहे हैं। गरीब हैं, उनकी हैसियत मकान बनवाने की नहीं है। मेहनत-मजदूरी से अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं। गांव के राम सिंह का मकान इसी श्रेणी में है। छत एवं दीवारें जर्जर हो चुकी है। कभी भी हादसा हो सकता है। उनकी पत्नी पूनम ने सरकारी मदद की गुहार लगाई है। गांव की ही रामप्यारी पत्नी चंदन की भी स्थिति यही है। उनके मकान व दीवारों की ईटें मसाला छोड़ चुकी हैं। इनकी भी स्थिति सुदृढ़ नहीं हैं। सरकारी मदद के लिए प्रशासन पर नजरें लगाए हैं।
कई वर्षो से मंदिर परिसर में रह रहा परिवार
गांव के एक कोने में बसे देवकी नंदन पुत्र गंगा सहाय को वर्ष 2009 में इंदिरा आवास योजना का लाभ मिला था। कुछ दिन तो सब कुछ ठीक रहा। बाद में धीरे-धीरे आवास क्षतिग्रस्त होता चला गया। दीवारें जगह छोड़ने लगीं। छत दरकने लगी। बड़ा परिवार होने के साथ इनके घर के बराबर में मंदिर है। डर के कारण काफी दिनों से परिवार के लोग मंदिर परिसर में ही रह रहे हैं। देवकी नंदन का आरोप है कि जो धनराशि उनके खाते में आई थी, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने उसमें से कुछ का बंदरबांट कर लिया। शेष धनराशि आवास में लगाई, जो पर्याप्त नहीं थी। कुछ पैसा पास था, उसे भी आवास में लगा दिया। इसके बाद भी आवास मजबूत नहीं रहा। 10 साल के भीतर ही क्षतिग्रस्त होने लगा।
सरकार से आवास के लिए अनुदान मिलने के बाद मरम्मत कराने का कोई प्रविधान नहीं है। जो आवास का उपयोग करेगा। वही समय-समय पर मरम्मत कराएगा। दैवीय आपदा के तहत गुड्डो देवी को राजस्व विभाग से सहायता मिलेगी। इनकी रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें लाभान्वित कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- चरन सिंह, बीडीओ कासगंज
इंदिरा आवास के लिए 25 हजार रुपये का अनुदान मिलता था। वह लाभार्थी को उस समय दिया गया था। इसके बाद आवास की मरम्मत आदि की जिम्मेदारी लाभार्थी की ही होती है। पीड़ित परिवार को दैवीय आपदा के तहत राहत राशि दिलवाने के प्रयास किए जाएंगे।
हर्षिता माथुर, जिलाधिकारी
ससुरालीजन अंतिम संस्कार को ले गए ज्योति का शव
छावनी में आवास की छत गिरने के बाद मौत का शिकार हुईं गुड्डो देवी की पुत्री ज्योति (26) के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद पति अशोक कुमार एवं अन्य ससुरालीजन शव को हाथरस के गांव नगला खूबा ले गए। मंगलवार को वहीं शव का अंतिम संस्कार किया गया। गांव से बड़ी संख्या में ग्रामीण अंतिम संस्कार में शामिल होने उसकी ससुराल पहुंचे हैं। गांव छावनी में हादसा होने के बाद माहौल गमगीन बना हुआ है।