औषधीय गुणों की खान वट वृक्ष है दैवीय उपहार
संवाद सूत्र रूरा बरगद का पौधा औषधीय गुणों की खान है। इसमें कमर जोड़ों के दर्द के साथ ह
संवाद सूत्र, रूरा : बरगद का पौधा औषधीय गुणों की खान है। इसमें कमर, जोड़ों के दर्द के साथ ही मधुमेह को दूर करने की रामबाण औषधि है। महामारी काल में पर्यावरण के लिए गंभीर हुई महिलाओं की ओर से संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। धार्मिक दृष्टि से भी इसका महत्व कम नहीं है।
मान्यता है कि बरगद की जड़ में ब्रह्मा, छाल में विष्णु व शाखाओं में भगवान शिव विराजमान है। वट सावित्री पूजन इसे प्रमाणित भी करता है। वहीं वैज्ञानिक ²ष्टि से भी इसका महत्व कम नहीं है। इसके जड़, पत्ते, छाल व रस से कई असाध्य रोगों को दूर किया जा सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के कृषि विज्ञानी डा. अशोक कुमार बताते हैं कि वट वृक्ष 24 घंटे आक्सीजन देता है। वट वृक्ष के फल फूल के साथ ही दातून पायरिया से मुक्ति दिलाती है जबकि छाल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही सांस की बदबू को भी दूर करती है। धार्मिक आस्था में पूजन पाठ करने से सुख-समृद्धि व धनधान्य से परिवार परिपूर्ण हो जाता है।
महामारी काल में लोगों ने पर्यावरण के महत्व को समझ लिया है। अब लोग इसको लेकर गंभीर हो रहे हैं। वट सावित्री पूजन के दिन स्वयं तो बरगद का पौधा रोपित करूंगी ही वहीं आसपास की महिलाओं को भी इसको लेकर जागरूक करूंगी। - प्रेम कांती शुक्ला धार्मिक दृष्टि से बरगद के पौधे का विशेष महत्व है। वट सावित्री पूजन करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। लोग बरगद की डाल काटकर घरों में पूजा करते हैं। यह सही नहीं है, जिसके प्रति लोगों को गंभीर होनी की जरूरत है। डाल काटने के स्थान पर एक पौधा रोपित करें जिससे पर्यावरण संतुलन दुरुस्त होगा। - सुषमा ओमर