दो करोड़ से संवरेगा बुलाझाल तालाब, अभी है कूड़ाघर
आठ बीघे तक फैला हुआ है तालाब वर्तमान में बना है कूड़ाघर गहराई कराने के साथ चारों तरफ बगीचा सजेगा लगेगी इंटरलॅाकिग
संवाद सूत्र, रूरा: कस्बे में आठ बीघा तक फैले बुला झाल तालाब के दिन बहुरने वाले हैं। इसकी खोदाई के साथ ही उसकी गंदगी हटाई जाएगी। नगर पंचायत ने पोकलैंड मशीन से उसकी मेड़बंदी कर जगह चिह्नित कराई है। दो करोड़ की लागत से तालाब का सौंदर्यीकरण कराकर इसे कस्बे का प्रमुख स्थान बनाया जाएगा।
मौजूदा समय में कस्बे में करीब एक दर्जन से ज्यादा तालाब कागजों पर ही रह गए हैं। शेष तालाबों पर अवैध कब्जेदार निगाह जमाए हैं, जिससे बचे तालाबों का अस्तित्व संकट में है। ऐसे में नगर पंचायत प्रशासन ने बचे तालाबों को बचाने के लिए मुहिम शुरू करते हुए कस्बे के बुलाझाल तालाब के सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की है। इसके तहत तालाब की गंदगी हटाने के साथ ही पोकलैंड मशीन से तालाब की खोदाई और मेड़बंदी कराकर सौंदर्यीकरण कराने की रूपरेखा तय की गई है। नगर पंचायत अध्यक्ष रमा देवी ने बताया कि करीब आठ बीघा तक फैले तालाब में दो करोड़ रुपये खर्च कर सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। इसमें तालाब को पक्का करने के साथ ही टहलने के लिए चारों ओर इंटरलॉकिग लगेगी। फूल वाले पौधों से मनमोहक फुलवारी बनेगी। फलदार पौधे रोपित किए जाएंगे और बीच में फव्वारा लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि तालाब सौंदर्यीकरण की कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजी गई है। धन स्वीकृत होते ही काम शुरू करा दिया जाएगा।
बारिश के पानी का रास्ता हुआ बंद
कस्बा रूरा का बुलाझाल तालाब करीब 50 वर्ष से ज्यादा पुराना है। पहले रूरा से निकली रामगंगा नहर के सटे बंबे के कुलावा से इसमें पानी आता था।
मोहल्ले के दिलीप सिंह मुन्ना, सुबराती खां, मंजुल अवस्थी ने बताया कि करीब 30 वर्ष पूर्व इस बुलाझाल तालाब के पानी से नहाने से बुखार, फोड़ा-फुंसी सहित अन्य बीमारी दूर हो जाती थीं, ऐसी मान्यता थी। कुलावा के रास्ते पर लोगों के खेत पड़ते थे। धीरे धीरे तालाब में पानी आना बंद हो गया। इधर आबादी बढ़ी तो लोगों के घरों का गंदा पानी इसमें भरने लगा, जिससे वहां गंदगी रहने लगी तबसे तालाब उपेक्षाग्रस्त है। अब लग रहा है कि नगर पंचायत की पहल पर कस्बे का पुराना तालाब अपने अस्तित्व में फिर वापस आएगा।