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घरों में विधि विधान से तुलसी विवाह हुआ

संवाद सहयोगी रसूलाबाद कार्तिक पूर्णिमा पर घरों में विधि-विधान से पूजन अर्चन के साथ पारंपरि

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 06:52 PM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 06:52 PM (IST)
घरों में विधि विधान से तुलसी विवाह हुआ

संवाद सहयोगी, रसूलाबाद : कार्तिक पूर्णिमा पर घरों में विधि-विधान से पूजन अर्चन के साथ पारंपरिक तरीके से तुलसी विवाह हुआ। तुलसी विवाह के माध्यम भगवान विष्णु को योग निद्रा से जगाया जाता है।

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कार्तिक पूर्णिमा पर्व स्नान दान के साथ तुलसी विवाह के लिए विख्यात है। भगवान विष्णु को जगाने के लिए महिलाओं ने मंत्रोच्चारण के साथ तुलसी माता की पूजा अर्चना की। साथ ही भगवान विष्णु के रूप में शालिग्राम के साथ तुलसी विवाह का आयोजन किया। सामान्य विवाहों की तरह धूमधाम से विवाह की रस्में पूरी कराई। लोगों की ऐसी मान्यता है कि जब भगवान विष्णु चार माह की निद्रा से जागते हैं तो सबसे पहले तुलसी की ही प्रार्थना सुनते हैं। लोग देवोत्थानी एकादशी को भी तुलसी का विवाह करते हैं।

यमुना घाट पर स्नान कर किया दान

संवाद सहयोगी, सिकंदरा : सिकंदरा तहसील क्षेत्र के यमुना बीहड़ पट्टी में बने घटपारा गांव के सिद्धेश्वर आश्रम पर मां तुलसी विवाह का अर्चन पूजन करने के साथ ही भक्तों ने कन्या भोज प्रसाद वितरण कराया। लोगों ने यमुना में स्नान भी किया।

राजपुर के पिचौरा गांव यमुना घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान दान करने के साथ राम जानकी मंदिर परिश्रम हाल में कन्या भोज प्रसाद वितरण कराया। खोजा रामपुर गांव के यमुना नदी के किनारे बने शिव आश्रम पर भी भक्तों की भारी भीड़ जमा रही व माता तुलसी का विवाह पूजन संपन्न कराए जाने के साथ भोज भंडारे का प्रसाद वितरण कराया गया। इस मौके पर बाबा नरसिंह दास विनोद कुमार मुन्नालाल यादव रहे।


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