रिपोर्ट में 'ओके', असल में धोखे
संवाद सूत्र शिवली, कानपुर देहात: गांवों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए पंचायत राज
संवाद सूत्र शिवली, कानपुर देहात: गांवों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए पंचायत राज विभाग द्वारा की गई कवायद सवालों के घेरे में है। दरअसल वाहवाही लूटने के लिए आंकड़ों में बाजीगरी कर गांवों में शौचालय बनने की रिपोर्ट तो तैयार कर ली गई लेकिन असल शौचालय बने ही नहीं।
सरकारी आंकड़ों में ओडीएफ घोषित हो चुके मैथा ब्लाक के गांवों की जमीनी हकीकत अलग ही है। यहां के टूटे व बंद पड़े शौचालय खुद-ब-खुद अपनी दास्तां व्यक्त कर रहे हैं। तमाम परिवार ऐसे हैं जो आज भी खुले में ही शौच जाने को मजबूर हैं।
गांव जो चयनित हुए लेकिन शौचालय नहीं बने
मैथा ब्लाक के ग्राम मकरंदपुर बंथा, करोम, जैतपुर शिवली तथा टोंडरपुर को वर्ष 2017 में ओडीएफ घोषित किया जा चुका है।कागजी आंकड़ों में सभी गांवों के प्रत्येक घर में शौचालय है ये दर्शाया गया है। जब दैनिक जागरण ने इसकी हकीकत जानने का प्रयास किया तो पता चला कि मकरंदपुर बंथा गांव के सुनील, मन्नू , ओम प्रकाश , श्याम बाबू , नीरज , छत्र पाल , छोटे तथा साहेब लाल सहित दर्जनों लोगों के यहां अब तक शौचालय ही नहीं है। इसी गांव के कमला शंकर पप्पू , जयकरन, जय देवी, कैलाश, राम अवतार सहित दर्जनों लोगों के शौचालय खराब होने के कारण उपयोगहीन हो चुके हैं। यही हालत करोम, जैतपुर शिवली तथा टोंडरपुर गांव की है।
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सभी गांवों का सर्वे कराया जा रहा है, जिनके यहां शौचालय नहीं बने हैं वहां शासन की मंशा के अनुरूप जल्द ही शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा।
अवधेश पांडेय, एडीओ पंचायत