ऐसे तो बेनूर रहेंगी रोशनी की तलाश में लगी सैकड़ों आंखें
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जिले में राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम जिम्मेदारों की अनदे
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जिले में राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम जिम्मेदारों की अनदेखी व बदहाली का शिकार है। जिले में जून तक 177 नेत्र आपरेशन ही हो सके। ये लक्ष्य का केवल 1.92 फीसद ही है। जिले के सरकारी अस्पतालों में तैनात दो नेत्र सर्जन इस अवधि में मात्र 24 आपरेशन ही कर सके। इससे साफ है कि जिले में अंधता निवारण कार्यक्रम का दारोमदार स्वैच्छिक संस्थाओं पर ही निर्भर है। अंधता निवारण कार्यक्रम की स्थिति को देखते हुए लक्ष्य पूरा होने पर संशय बना है। वहीं बड़ी संख्या में बेनूर हो चुकी आंखों वाले पीड़ितों का रोशनी का इंतजार बढ़ा है।
आंखों की गुम हुई रोशनी को वापस लाने के लिए शासन द्वारा राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके तहत जिले में 9228 लोगों के मोतिया¨बद आपरेशन का लक्ष्य तय किया गया है। इसके सापेक्ष अभी तक जिले में मात्र 177 आपरेशन हो सके हैं। जिले में मात्र दो सर्जन होने से यहां अंधता नियंत्रण कार्यक्रम का सारा दारोमदार एनजीओ पर निर्भर करता है। जिले में इस कार्यक्रम में सात एनजीओ लगाए गए हैं। इनमें छह कानपुर नगर व एक देहात का है। अभी तक स्वैच्छिक संस्थाओं ने 153 नेत्र आपरेशन किए। शासन से तय मानक के तहत सरकारी सेक्टर के प्रत्येक नेत्र सर्जन को सालाना सात सौ आपरेशन करने का लक्ष्य तय है। यानी हर माह एक नेत्र सर्जन को लगभग 58 आपरेशन करने है, लेकिन जिला अस्पताल में तैनात नेत्र सर्जन डा. आरए मिर्जा व सीएचसी रसूलाबाद में तैनात नेत्र सर्जन डा. अमित सक्सेना इस अवधि में निर्धारित लगभग 232 आपरेशन के सापेक्ष केवल 24 आपरेशन ही कर सके। इससे शेष 9 माह में निर्धारित लक्ष्य पूरा होने तथा बड़ी संख्या में नेत्रहीन लोगों की आखों की रोशनी वापस आ पाने पर संशय बना है।
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अंधता निवारण कार्यक्रम की स्थिति
नेत्र आपरेशन का वार्षिक लक्ष्य 9228, आपरेशन कराए गए 177, सरकारी अस्पतालों में नेत्र आपरेशन 24, एनजीओ द्वारा कराए गए आपरेशन 115 व निजी अस्पतालों में किए गए आपरेशन 38 ।
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जिले में 9228 के सापेक्ष तीन माह में 177 नेत्र आपरेशन कराए जा चुके हैं। अधिकांश लोग सर्दी के दिनों में ही नेत्र आपरेशन कराने पर सहमत होते हैं। इससे लक्ष्य पूरा न होने की संभावना के बावत अभी से कुछ कहना जल्दबाजी है। जिले के दोनों नेत्र सर्जन को हर हालत में लक्ष्य हासिल करने का निर्देश दिया गया है।
-डा. वीपी ¨सह, एसीएमओ, नोडल अफसर एनआरएचएम - कानपुर देहात
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