Move to Jagran APP

कॉल सेंटर संचालक के अपहरण का प्रोत्साहन राशि रोकने पर कॉल रिसीवर ने रची थी अपहरण की साजिश

जागरण संवाददाता कानपुर गोविंदनगर की रतनलालनगर कॉलोनी से कॉल सेंटर संचालक व कर्मचारिय

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 11:11 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 11:11 PM (IST)
कॉल सेंटर संचालक के अपहरण का प्रोत्साहन राशि रोकने पर कॉल रिसीवर ने रची थी अपहरण की साजिश

जागरण संवाददाता, कानपुर: गोविंदनगर की रतनलालनगर कॉलोनी से कॉल सेंटर संचालक व कर्मचारियों के अपहरण की साजिश कंपनी के कॉल रिसीवर ने ही रची थी। ढाई लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि रोके जाने की खुन्नस में उसने अपने तीन अन्य साथियों के साथ वारदात को अंजाम दिया। अपहरणकर्ताओं के साथ जाने की गलती ही उस पर भारी पड़ गई और मामले का पर्दाफाश हो गया।

loksabha election banner

किदवई नगर थाना क्षेत्र की एनएलसी कॉलोनी निवासी अनुराग द्विवेदी का रतनलाल नगर में इंपेक्सिव कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से कार्यालय है। शुक्रवार रात उन्हें व उनके चार कर्मचारी बर्रा निवासी लव कुमार, शुक्लागंज (उन्नाव) के हर्ष, कन्नौज निवासी शेखर व बर्रा-6 निवासी आशुतोष तिवारी उर्फ अन्नू का हथियारबंद बदमाशों ने कार्यालय से बंधक बनाकर अपहरण कर लिया था। अपहृतों को छोड़ने की एवज में बदमाशों ने पंद्रह लाख की फिरौती वसूली थी और रकम मिलने के बाद सभी को महराजपुर के पास हाईवे पर छोड़ दिया था। एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने अपहृतों को एक-एक किमी आगे जाकर बारी-बारी से छोड़ा। सबसे आखिर में अनुराग शुक्ला व कॉल रिसीवर आशुतोष तिवारी बचे। अपहरणकर्ता जैसे-जैसे अपहृतों को छोड़ रहे थे, कार से पीछे चल रहा अनुराग का भाई अंकित उन्हें अपने साथ ले रहा था। बदमाशों ने पहले अनुराग को छोड़ा। अंकित ने उसे अपने साथ लिया और आगे बढ़े कि एक किमी बाद आशुतोष भी मिल जाएगा, लेकिन दस किमी आगे जाने के बाद भी वह नहीं मिला। इसी से माथा ठनका और वापस आकर उन्होंने पुलिस को वारदात की जानकारी दी और आशुतोष पर शक जताया। पुलिस ने सर्विलांस का प्रयोग करके आशुतोष के सहारे सभी को दबोच लिया। पूछताछ में आशुतोष ने बताया कि कंपनी ने ढाई लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि नहीं दी थी। इसीलिए उसने अपने साथी तात्याटोपे नगर निवासी गोलू शुक्ल व राहुल सिंह उर्फ अमन और बर्रा-6 निवासी अभय त्रिवेदी के साथ मिलकर वारदात की। गोलू शुक्ला एक स्कूल वैन चलाता है और उसके खिलाफ थाना बर्रा में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। इसके अलावा राहुल सिंह घाटमपुर मंडी के सचिव के यहां कम्प्यूटर ऑपरेटर है और अभय त्रिवेदी टैटू की दुकान पर काम करता है।

24 घंटे में कम हो गए चार लाख रुपये

अंकित ने अपहरणकर्ताओं को 15 लाख रुपये दिए थे, जबकि गोलू का कहना है कि उन्हें केवल 14 लाख रुपये मिले, जिसे तीनों ने बराबर बांट लिया था। हालांकि पुलिस ने केवल 11 लाख रुपये की बरामदगी दिखाई है। चार लाख रुपये कहां गए, इस सवाल पर एसपी साउथ का कहना है कि बदमाश पैसा जुए में हार गए हैं। हालांकि जुए का कोई घटनाक्रम सामने नहीं आ सका।

नहीं मिले हथियार

अपहरणकर्ताओं ने पिस्टलों की दम पर अपहरण किया था, लेकिन पुलिस ने बदमाशों के पास से हथियारों की बरामदगी नहीं दिखाई है। पुलिस का दावा है कि जो हथियार दिखाकर अपहरण किया गया, वह नकली थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.