बड़ौदा ग्रामीण बैंक में हड़ताल, लेनदेन ठप
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : यूनाइटेड फोरम आफ आरआरबी यूनियन के बैनर तले सोमवार
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : यूनाइटेड फोरम आफ आरआरबी यूनियन के बैनर तले सोमवार से बड़ौदा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों ने तेरह सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी। जिससे बड़ौदा ग्रामीण बैंकों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। जिले भर के ग्रामीण बैंक कर्मियों ने नबीपुर स्थित शाखा में एकत्रित होकर नारेबाजी की और कार्य बहिष्कार किया।
अकबरपुर क्षेत्र के नबीपुर स्थित बड़ौदा ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में सोमवार सुबह से ही जिले भर के बैंक कर्मी एकत्रित हो गए । बाद में बैंक गेट पर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। बड़ौदा ग्रामीण बैंक आफीसर्स एवं इंप्लाइज एसोसिएशन के महामंत्री धर्मेंद्र कुमार ने मांग करते हुए कहा कि ग्रामीण बैंक के करीब 27 हजार सेवानिवृत्त कर्मी पेंशन के अभाव में जी रहे हैं। इसलिए राजस्थान हाईकोर्ट के निर्णय वर्ष 2012 के अनुसार बैं¨कग नीति वर्ष 1993-95 की पेंशन समान दी जाए। बैंक कर्मियों ने बैं¨कग उद्योग की मृतक आश्रित योजना लागू करने, कंप्यूटर वेतन वृद्धि, सेवा शर्तों की समानता, दैनिक वेतन भोगी 15 हजार अस्थायी स्टाफ का नियमतीकरण, सहित 13 सूत्रीय मांग पूरी किए जाने को लेकर बैंक कर्मी नारेबाजी कर हड़ताल पर रहे। हड़ताल के दौरान महामंत्री बीडी यादव, तेजबहादुर वर्मा, एएस अंसारी, श्रवण कुशवाहा, सुरेश यादव, विनोद सचान, पीके सिन्हा, रामशंकर सविता, सतीश, जीएस गौतम सहित बड़ी संख्या में बैंक कर्मी मौजूद रहे।
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ग्रामीण बैकों से मायूस लौटे जरूरतमंद
कानपुर देहात : ग्रामीण क्षेत्र की जनता को हड़ताल की पूर्व जानकारी न होने से अधिकांश लोग सामान्य दिनों की तरह बैक शाखाओं में पहुंचे। जहां बंदी देख एक दूसरे से बंदी का कारण पूछते रहे। कोई वैवाहिक कार्यक्रम के लिए तो कोई अन्य निजी काम के लिए रुपयों की निकासी करना चाहता था। रुपये जमा करने वाले भी तमाम ग्राहक दिन भर मायूस लौटते रहे। जिले भर की 59 ग्रामीण बैंक शाखाओं में लगभग 6 लाख से अधिक खाता धारक हैं। सीनियर मैनेजर एचआर गिरजेश मिश्र की माने तो जनपद की शाखाओं में रोज लगभग 30 करोड़ का कारोबार होता है, जो हड़ताल के चलते पूरी तरह प्रभावित रहा। अगले दो दिन और चलने वाली हड़ताल के कारण जरूरतमंदों को और परेशानी उठानी पड़ सकती है।