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जल संरक्षण की राह दिखा रही शोभन आश्रम की झील

संवाद सूत्र शिवली जल संरक्षण समय की महती जरूरत है और लोगों को इस तरफ गंभीरता से सोचना

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 07:54 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 07:54 PM (IST)
जल संरक्षण की राह दिखा रही शोभन आश्रम की झील
जल संरक्षण की राह दिखा रही शोभन आश्रम की झील

संवाद सूत्र, शिवली : जल संरक्षण समय की महती जरूरत है और लोगों को इस तरफ गंभीरता से सोचना होगा। जल संरक्षण के लिए शोभन आश्रम की झील लोगों के लिए एक आदर्श है। शोभन सरकार की मेहनत से 25 एकड़ समतल भूमि आज पानी से लबालब हो चुकी है। सिचाई से लेकर भूगर्भ जलस्तर का संकट इससे दूर हो चुका है।

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शोभन आश्रम के आसपास की जमीन समतल थी। संभलपुर, ललऊपुरवा, असई, फंदा, अनूपपुर, बैरीसवाई बैरी दरियावं समेत कई गांव में भूगर्भ जल स्तर व सिचाई का संकट रहता था। पेयजल के लिए हैंडपंप की गहरी बोरिग करने पर ही पानी आता था। करीब तीन वर्ष पूर्व लोगों की समस्या को जानकार शोभन सरकार के नाम से प्रसिद्ध स्वामी विरक्तानंदजी महाराज ने इस तरफ कदम उठाया। सामूहिक प्रयास से पांडु नदी पर बने कैनाल से समतल जमीन को जोड़ा। इसके बाद बारिश से जमकर पानी यहां जमा हो गया। धीरे धीरे इसने झील का स्वरूप ले लिया। पानी की उपलब्धता इतनी रहती है कि यह कभी सूखती नहीं है। ग्रामीण अजय सिंह, राकेश तिवारी, धर्मेंद्र शुक्ला कहते हैं कि हमने कभी सोचा तक नहीं था कि समतल जमीन भी पानी से भर सकती है। पहले तो बोरिग में समस्या थी, लेकिन इस झील के कारण अब 50 से 60 फीट पर ही पानी मिल जाता है। आसपास का पूरा क्षेत्र पहले की तरफ खुशहाल हो गया है। खेतों में सिचाई के लिए भी पंपिग सेट के जरिए पानी यहां से मिल जाता है। हमने शोभन सरकार से यह सीखा है कि पानी को बचाना है क्योंकि यह जीवन का आधार है। आश्रम के सर्वराकार हरिशरणम पांडेय बताते हैं कि बारिश का पानी यहां अच्छे से सहेज उठता है। भूगर्भ जलस्तर काफी बेहतर है।


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