12 दिन से स्कूल का नहीं खुला ताला, ग्रामीणों ने किया हंगामा
सहायक अध्यापिका चल रही मातृत्व अवकाश पर स्कूल की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापिका पर वह भी नहीं आ रहीं
संवाद सूत्र, शिवली: बच्चे प्रतिदिन समय पर स्कूल पहुंच जाते हैं। बाहर से ताला देख खुश हो जाते हैं कि चलो फिर छुट्टी है। कुछ ऐसा ही चल रहा है बटुईया प्राथमिक स्कूल में पिछले 12 दिनों से। गुरुवार को भी बच्चे जब घरों को लौटने लगे तो वहां कुछ ग्रामीण भी पहुंच गए और हकीकत समझ कर परिसर में हंगामा करने लगे। फोन से अधिकारियों को सूचना दी कि यहां लगातार स्कूल में ताला बंद चल रहा है और अध्यापक नहीं आ रहे हैं।
मैथा ब्कॅक के गांव सभा अरशदपुर के मजरा बटुईया में स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका नंदिनी कमल तथा सोनी पाल सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। विद्यालय में कुल 48 बच्चे पंजीकृत हैं। सहायक अध्यापिका सोनी पाल पिछले एक माह से मातृत्व अवकाश पर चल रही हैं। स्कूल की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापिका नंदिनी कमल पर है। वह पिछले 12 दिनों से विद्यालय नहीं आ रही हैं। प्रतिदिन सुबह गांव के बच्चे विद्यालय जाते हैं जो गेट में ताला बंद होने के कारण वापस लौट आते हैं। लगातार विद्यालय न खुलने के कारण बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है। गुरुवार को गांव के शिवम, रामबाबू राजपूत, राज कुमार, अशोक कुमार, मदन लाल, राम कुमार, लाखन, मनीराम, शिवप्रसाद, कमलेश, अमित कुमार तथा प्यारेलाल सहित दर्जनों ग्रामीणों ने विद्यालय पहुंच जमकर हंगामा काटा तथा अधिकारियों को विद्यालय न खुलने की जानकारी दी। विद्यालय में कार्यरत रसोइया सरला देवी तथा शिव देवी ने बताया कि पिछले 12 दिनों से प्रधानाध्यापिका के न आने के कारण विद्यालय बंद रहता है। बच्चों के साथ विद्यालय जाकर वापस आ जाती हैं। प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी डेरापुर उदय नारायण कटियार ने बताया कि बटुईया विद्यालय बंद रहने की जानकारी मिली है। प्रधानाध्यापिका से स्पष्टीकरण तलब कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।