रनियां की प्लास्टिक दाना फैक्ट्री में भीषण आग
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : रनियां में रविवार देर रात प्लास्टिक दाना फैक्ट्री में आग
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : रनियां में रविवार देर रात प्लास्टिक दाना फैक्ट्री में आग लग गई। इससे श्रमिकों में अफरा तफरी मच गई। सूचना पर माती अग्निशमन केंद्र समेत सात दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग बेकाबू होने पर कानपुर शहर से टीटीएल (टर्न टेबुल लेडर) व दो वाटर बाउजर मंगवाए गए। करीब पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
रनियां औद्योगिक क्षेत्र में शेरपुर तदौंदा मार्ग पर चिटिकपुर चौराहे के पास एक फैक्ट्री में प्लास्टिक दाना बनता है। इसी से सटी फैक्ट्री की दूसरी दो सहयोगी यूनिटें भी हैं। रविवार देर रात करीब 11:30 बजे अचानक फैक्ट्री में आग लग गई। पहले कर्मियों ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन आग बढ़ने पर सुपरवाइजर श्याम मनोहर ने 11:45 बजे दमकल को सूचना दी। माती अग्निशमन केंद्र से दो गाड़ी लेकर मुख्य अग्निशमन अधिकारी विश्वरूप बनर्जी व अग्निशमन अधिकारी शिवदरस प्रसाद मौके पर पहुंचे। पूरी तरह से आग से घिरी फैक्ट्री देख सिकंदरा, भोगनीपुर, डेरापुर, रसूलाबाद व मैथा से दमकल गाड़ियां मंगवा ली गई। करीब दो घंटे तक आग बुझाने की मशक्कत हुई पर आग विकराल रूप धारण किए रही। इस पर कानपुर से टीटीएल व अतिरिक्त वाटर बाउजर की मांग की गई। रात करीब तीन बजे कानपुर से आई टीटीएल की मदद से फैक्ट्री के ऊपर जाकर पानी डाला गया। इसके बाद आग काबू हो सकी। आग से फैक्ट्री के उपकरण व बना अधबना व कच्चा मैटीरियल जल गए। फैक्ट्री मालिक विनय कनौडिया ने बताया कि लगभग 3 करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही है।
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''प्लास्टिक दाना फैक्ट्री की आग बुझाने में लगभग पांच घंटे लगे। प्रारंभिक जांच में शार्ट सर्किट से आग लगने का अनुमान है। -विश्वरूप बनर्जी, मुख्य अग्निशमन अधिकारी
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फायर फाइ¨टग नहीं कर सके फैक्ट्री कर्मी
फैक्ट्री में आग से बचाव के लिए ओवरहेड सीमेंटेड 20 किली. का पानी टैंक तथा दो दस-दस किली. की प्लास्टिक की टंकियां रखी थी। आग बुझाने के लिए होजरील की व्यवस्था भी थी। फैक्ट्री में अग्निशमन यंत्र भी उपलब्ध थे पर फैक्ट्री कर्मी फायर फाइ¨टग के लिए तैयार नहीं थे। इससे शुरुआती समय में आग बुझाने के कारगर प्रयास नहीं हुए और आग फैल गई। अग्निशमन अधिकारी शिवदरस प्रसाद ने बताया कि फैक्ट्री कर्मी होजरील से आग पर पानी नहीं डाल सके। फायर ए¨स्टग्यूशर चलाकर आग काबू करने की कोशिश हुई जो नाकाम रही।
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आग काबू करने को और संसाधनों की दरकार
जिला 3142.88 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में फैला है। 18 लाख से अधिक आबादी वाले जिले में छह तहसीलें हैं। यहां केवल अकबरपुर, भोगनीपुर व सिकंदरा तहसीलों में ही अग्निशमन केंद्र हैं। डेरापुर, रसूलाबाद में अग्निशमन केंद्र अधूरे पड़े हैं तो मैथा में अग्निशमन केंद्र निर्माण का प्रस्ताव तैयार नहीं हो सका है। रनियां व जैनपुर औद्योगिक क्षेत्र में चार सौ से अधिक फैक्ट्रियां हैं। कई फैक्ट्रियों में ज्वलनशील वस्तुओं का निर्माण होने से आग का खतरा रहता है। माती अग्निशमन केंद्र को उच्चीकृत करने का प्रस्ताव शासन में लंबित है। पिछले दिनों एसपी ने शासन में लंबित प्रस्ताव पर निर्णय के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखा लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र आग के मुहाने पर है। अग्निसुरक्षा के लिए संसाधनों की कमी की वजह से कानपुर से टीटीएल व अतिरिक्त गाड़ियां मंगवानी पड़ीं।