सवाल बरकरार, कराई जाए सीबीआई जांच
- हताश घरवाले बोले सीबीआई जांच के लिए हर च
- हताश घरवाले बोले, सीबीआई जांच के लिए हर चौखट खटखटाएंगे
- भोगनीपुर पुलिस की भूमिका ही संदिग्ध तो जांच निष्पक्ष कैसे होगी
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : बृजेश अपहरण हत्याकांड में परिवार का भरोसा पुलिस से पूरी तरह से उठ चुका है। अपने सवालों पर बरकरार रहे घर वाले बोले, अकेला सुबोध सचान हत्या कर शव कुएं में फेंक सकता है, यह पुलिसिया कहानी किसी को भी हजम नहीं हो रही। वह सीबीआई से जांच कराना चाहते हैं, इसके लिए वे हर चौखट खटखटाएंगे।
पिता शिवनाथ व भाई राजेश ने कहा कि पुलिस हमारे रिश्तेदारों व परिवार में ही उलझी रही और उधर हत्यारे ने अपना काम कर दिया। पुलिस के खुलासे में कई चीजें समझ से परे है। पुलिस बता रही है कि गला घोंटने के दौरान बृजेश ने सुबोध के हाथ में काट लिया था, ऐसे में यह कैसे यकीन किया जाए कि जवान युवक की वह अकेले हत्या कर सकता है। अकेले शव को कुएं में फेंक देना, हत्या के बाद फिरौती मांगना यह सब गले से नहीं उतर रहा। सुबोध के पास दो ट्रक व व्यक्तिगत कार होना बताता है कि वह संपन्न था। फिर ट्रक फाइनेंस के पांच-छह लाख रुपये चुकाने के लिए वारदात को अंजाम देना भी समझ नहीं आता।
चचेरे भाई सर्वेश ने कहा कि बृजेश अच्छी कद काठी का था, मौत के बाद शरीर और भी भारी हो जाता है। कान्हाखेड़ा में चकरोड से कुआं करीब 200 मीटर दूर है, जहां तक वाहन नहीं जा सकते। ऐसे में अकेला व्यक्ति इतनी दूर शव लेकर नहीं जा सकता। शुरू में तो हम लोगों को ही शक के घेरे में रखा गया, ऐसे में पुलिस की क्या बात मानें। भोगनीपुर पुलिस की तो भूमिका भी संदिग्ध है।
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फुफेरा भाई बोला, पुलिस वारदात कुबूलने का दबाव बना रही थी
बृजेश के फुफेरे भाई मुकेश के अंदर भी पुलिस के खिलाफ जमकर आक्रोश है। जाम के दौरान पुलिस अधिकारी समझाने लगे तो उसका गुस्सा फूट पड़ा। बोला, पुलिस ने पूछताछ के दौरान उसकी अंगुली तोड़ दी और पूछने पर पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में टूटी। उसका आरोप है कि थाने में पीटकर उस भी पर दबाव बनाया जा रहा था कि बोलो की तुम्हारा ही इसमें हाथ है।