दशकों से बंद जिला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड खुले
पुरुष अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हुई साफ-सफाई दुरुस्त हुई व्यवस्थाएं मरीजों को सुविधा जल्द
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : संयुक्त जिला अस्पताल के एक बेड पर दो-दो मरीजों को लेटाकर इलाज करने तथा प्राइवेट वार्ड बंद रहने का मुद्दा दैनिक जागरण द्वारा लगातार उठाने की मुहिम आखिर रंग लाई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने दशकों से बंद पड़े पुरुष अस्पताल के प्राइवेट वार्ड की सुध ली और साफ-सफाई कराते हुए व्यवस्थाएं दुरस्त की हैं।
अकबरपुर शहर स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय भूतल पर महिला अस्पताल तथा प्रथम तल पुरुष अस्पताल के अलग-अलग प्राइवेट वार्ड बने हुए हैं। दशकों पहले जिला चिकित्सालय का संचालन शुरू होने के बाद भी प्राइवेट वार्डों को मरीजों के लिए नहीं खोला गया और जिम्मेदारों की अनदेखी से प्राइवेट वार्ड महज कबाड़ का गोदाम बनकर रह गए। मौजूदा समय में मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण गांव-गांव संक्रामक बीमारियों का प्रकोप फैला हुआ है। जिले के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में हर दिन मरीजों की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ रही है। डायरिया, बुखार समेत विभिन्न संक्रामक बीमारियों के मरीजों से जिला अस्पताल पट गया है। 70 बेड के जिला अस्पताल पुरुष में क्षमता से अधिक मरीजों के भर्ती होने से बेड कम पड़ रहे हैं। ऐसे में एक बेड पर दो-दो मरीजों को लेटाकर इलाज किया जा रहा है, जिससे मरीजों में संक्रमण का खतरा बना रहता है और परेशानी भी उठानी पड़ती है। जबकि प्राइवेट वार्ड धूल फांक रहे थे। दैनिक जागरण द्वारा लगातार मुद्दा उठाए जाने के बाद पुरुष अस्पताल के सीएमएस ने प्राइवेट वार्ड की सुध ली और कमरों में रखा सामान हटवाकर साफ-सफाई कराई। ताकि मरीजों को प्राइवेट वार्ड की सुविधा मिल सके। प्राइवेट वार्ड के कमरों की साफ-सफाई कराकर व्यवस्था दुरस्त दी गई है। पुरुष अस्पताल 70 बेड का है, इसलिए इमरजेंसी या जनरल वार्ड के बेड प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कराने पर उच्चाधिकारियों से वार्ता की जा रही है। जल्द मरीजों को सुविधा मिलने लगेगी।-डॉ. आरए मिर्जा (सीएमएस जिला अस्पताल पुरुष)