धार्मिक स्थलों के खुलेंगे कपाट पर प्रसाद-फूल पर रहेगी पाबंदी
जागरण संवाददाता कानपुर देहात मंदिर खुलने पर सुबह-शाम भक्तों की लाइन लगी रहती थी जिससे
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : मंदिर खुलने पर सुबह-शाम भक्तों की लाइन लगी रहती थी, जिससे प्रतिदिन गुलाब व गेंदा के 18-20 किलो फूल तो बिक ही जाते थे। इससे अच्छी खासी आय हो जाती थी। घर परिवार के भरण पोषण का मात्र यही एक सहारा भी था, लेकिन कोरोना महामारी ने सब कुछ छीन लिया। अब तो घर से फूल ले जाने वालों की संख्या भी नाम मात्र ही रह गई है। यह कहना है अकबरपुर कस्बे के कालिका देवी मंदिर के बाहर फूलों की दुकान लगाने वाले गणेश सैनी का, लेकिन यह दर्द केवल एक गणेश का नहीं बल्कि धार्मिक स्थलों के बाहर दुकान लगाने वाले अधिकांश लोगों को लॉक डाउन ने यह पीड़ा दी है। शासन के निर्देश पर अनलॉक 1 में सोमवार से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के निर्देश दिए गए हैं। करीब ढाई माह बाद लोग मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें सभी सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा। जिला प्रशासन की ओर से धार्मिक स्थलों की संरक्षण कमेटी को इससे संबंधित निर्देश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन धार्मिक स्थलों के बाहर फूल, माला, प्रसाद बेचकर परिवार चलाने वाले लोगों को अभी भी राहत नहीं मिली है। धार्मिक स्थल पर प्रसाद, फूल-माला सहित अन्य पूजन सामग्री चढ़ाना प्रतिबंधित किया गया है। शासन से राहत न मिलने के कारण फूल-माला, प्रसाद की बिक्री कर परिवार चलाने वाले लोगों के समक्ष संकट अभी भी बरकरार है। अकबरपुर कस्बे के कालिका देवी मंदिर के बाहर फूल-माला व अन्य पूजन सामग्री की करीब एक दर्जन दुकानें हैं, जबकि रूरा में दुर्गा माता मंदिर, रसूलाबाद में धर्मगढ़ बाबा, बनीपारा में बाणेश्वर बाबा मंदिर, बाघपुर के शोभन सरकार सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर फूल-माला व प्रसाद की दुकानें लगाकर सैकड़ों परिवारों का भरण पोषण होता है। फूल-माला व प्रसाद की दुकान लगाने वाले रमाकांत सैनी, गुड्डू सैनी, सुमित सैनी सहित अन्य लोगों ने बताया कि कोरोना महामारी ने उनका रोजगार छीन लिया है। तीन माह पूर्व प्रतिदिन 18-20 किलो फूल बिक्री हो जाता था, लेकिन अब हालात बदतर हो गए हैं। कस्बे के कुछ घरों में ही सुबह फूल देने जाते हैं जिससे माह में 1500-2000 हजार ही आय हो रही है। धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति जरूर दी गई है, लेकिन सभी सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा। मंदिर के अंदर प्रसाद, फूल-माला सहित अन्य पूजन सामग्री नहीं जाएगी। एक बार में पांच से अधिक लोगों जाने की अनुमति नहीं है।
पंकज वर्मा, एडीएम प्रशासन