गांव-गांव तलाशे जाएंगे मीजल्स-रुबेला मरीज
जागरण संवाददाता कानपुर देहात मीजल्स-रुबेला बीमारी हवा के माध्यम से एक दूसरे में फैलती ह
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: मीजल्स-रुबेला बीमारी हवा के माध्यम से एक दूसरे में फैलती है। इसे रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। गांव में एक भी रोगी मिलने पर तत्काल सूचना दें, ताकि जिला मुख्यालय से विशेष टीम भेजकर उपचार कराया जा सके। यह निर्देश सीएमओ ने प्रशिक्षण में दिए।
शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय सभागार में सभी स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को मीजल्स-रुबेला का एकदिवसीय जिलास्तरीय प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हीरा सिंह ने कहा कि जिले में उल्टी-दस्त, खांसी, बुखार, खांसी, निमोनिया और दिमागी बीमारियों से होने वाले मृत्युदर को कम करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सभी स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी अपने क्षेत्र के गांवों में मीजल्स-रुबेला की बीमारी से पीड़ितों की डेली रिपोर्ट तैयार करें। उस पर प्रभावी नियंत्रण करते हुए जनपद मुख्यालय पर तत्काल सूचना दें। ताकि विशेष टीम भेजकर समुचित उपचार कराया जा सके। अपर सीएमओ डॉ. वीपी सिंह ने कहा कि रुबेला वायरस के संक्रमण से महिलाएं बार-बार गर्भपात का शिकार होती हैं। यदि महिलाएं गर्भवती हो भी जाती हैं, तो वे या तो मृत शिशु को जन्म देती हैं या गर्भस्थ शिशु अविकसित, कुछ न कुछ शारीरिक दोष जैसे दिल में छेद, शरीर का कोई भाग न होना या मानसिक अथवा शारीरिक रूप से बाधक होना होता है। शिशु के साथ माता-पिता का भी जीवन कष्टदायक हो जाता है। जिस बच्चे को बड़े होकर माता-पिता का सहारा बनना होता है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. महेंद्र जतारया ने बताया कि मीजल्स स्वयं इतना खतरनाक नहीं है, जितने इसके दुष्परिणाम जैसे अंधापन, मस्तिष्क में सूजन, निमोनिया और डायरिया। पीड़ित बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है। ऐसे में चिकित्साधिकारी सचेत रहते हुए कार्य करें। प्रशिक्षण में डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी वर्मा, अकबरपुर सीएचसी अधीक्षक डॉ. आइएच खान, अमरौधा पीएचसी प्रभारी डॉ. आदित्य सचान, संक्रामक रोग प्रभारी डॉ. यतेंद्र शर्मा मौजूद रहे।