रोजे रखने से इंसान की जिदगी बनती है बेहतर
संवाद सूत्र मूसानगर माहे मुबारक रमजान शरीफ में रोजे रख कर के हर इंसान अपनी जिदगी क
संवाद सूत्र, मूसानगर : माहे मुबारक रमजान शरीफ में रोजे रख कर के हर इंसान अपनी जिदगी को बेहतर बना सकता है। अल्लाह और उसके रसूल के बताए हुए रास्तों पर चलना ही ईमान है और हर इंसान को चाहिए कि इन रास्तों पर ही चले। यह बात कर्बला शरीफ मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद रजा ने कहा। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा नियमों का पालन करने को कहा।
उन्होंने कहा कि रमजान उल मुबारक का महीना नेकियों से भरा है हर एक नेकी करने के बदले में 70 नेकिया मिलती हैं। जन्नत के दरवाजे खुले हैं और दोजख के दरवाजे बंद हैं माहे मुबारक महीने में। हम सब पर गरीबों मजलूमों, बेसहारों की मदद करने के लिए भी शरीयतन हुक्म है। माहे मुबारक महीने में हर मोमिन को रोजा रख कर के अपनी जिदगी बेहतर करें, रोजा आंख का भी है, रोजा पैरों का भी है और हाथों का भी है। मसलन हर इंसान को हमेशा हमेशा बुरी नजर से किसी की तरफ नहीं देखना चाहिए और ना ही बुरे कामों के लिए अपने पैर आगे बढ़ाना चाहिए और ना ही हाथों से बुरे काम करना चाहिए। पड़ोस में रहने वाले लोगों के साथ मोहब्बत का पैगाम होना चाहिए ताकि पड़ोसी को लगे कि हमारे पड़ोस में कोई मोमिन रहता है। उन्होंने कहा कि इस वक्त कोरोना जैसी महामारी मुल्क में दहशत फैला रही है हर रोजेदार को चाहिए कि वह रोजा खोलने के वक्त जब इफ्तार के लिए बैठे हैं तो रो-रोकर के गिड़गिड़ा कर के अपने माबूद से इस मर्ज से हिफाजत के लिए दुआ मांगे। अल्लाह व उनके रसूल का वादा है कि रोजेदार रोजा इफ्तार के पहले जो दुआ मांगता है मैं उसे कबूल करता हूं इसलिए हर मोमिन को चाहिए कि रोजा इफ्तार के समय जायज मांगें।
खुशहाली के लिए रखा रोजा
शिवली : अपने माता-पिता की तरह ही मैथा के आठ वर्षीय मो. सरताज ने रोजा रखा है। वह कहते हैं कि अम्मी अब्बू कहते हैं कि रोजा रखने से खुशहाली आती है और अल्लाह हमें हर तरह से सुरक्षित रखता है इसलिए ही रोजा रखा है। उसके पिता मो. मेराज व मां सोनी उसकी हौसलाफजाई करती हैं।