Kanpur के Bikru Case में बचाव पक्ष के सवालों में उलझे वादी इंस्पेक्टर, 13 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाइ
कानपुर के चौबेपुर के बिकरू कांड में दो जून 2020 की रात विकास दुबे के गुर्गों ने सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कानपुर देहात कोर्ट में गैंगस्टर मामले में सुनवाई हुई है। जिसमें बचाव पक्ष के सवालों में वादी इंस्पेक्टर उलझे है।
कानपुर देहात, जागरण संवाददाता। बिकरू के गैंगस्टर मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पांच बाकर शमीम रिजवी की कोर्ट में वादी इंस्पेक्टर कृष्णमोहन राय से बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जिरह की। कई सवालों के जवाब देने में वादी इंस्पेक्टर उलझ गए।
चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 को विकास दुबे ने गिरोह संग फायरिंग कर आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने विष्णुपाल उर्फ जिलेदार, गुड्डन त्रिवेदी, उमाकांत, राजेंद्र, शिवम समेत 30 आरोपितों पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की थी।
इसकी सुनवाई गैंगस्टर कोर्ट में चल रही है। गुरुवार को वादी मुकदमा इंस्पेक्टर कृष्ण मोहन राय से जिरह हुई। शिवम, राजेंद्र, उमाकांत व जिलेदार की तरफ से अधिवक्ता संतोष बाजपेयी ने जिरह की। उन्होंने पूछा कि जिलाधिकारी का गैंग चार्ट का अनुमोदन विधि सम्मत नहीं है क्योंकि उन्होंने विधि अनुसार अनुमोदन के समय यह नहीं नहीं लिखा कि मैंने गिरोह चार्ट के साथ संलग्न साक्ष्यों के आलोक में गिरोह चार्ट व संलग्न प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया है।
उप्र गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986 के अधीन कार्रवाई किए जाने के संतोषजनक आधार क्या है, जिसका जवाब इंस्पेक्टर ने देते हुए कहा कि मात्र अनुमोदन शब्द लिखा गया है बाकी नहीं। इसके बाद पूछा कि मामले की विवेचना में जो 40 पर्चे कटे हैं उनमें बतौर विवेचक आपका नाम लिखा है जबकि आप इस मामले में वादी हैं। क्या आप मामले में वादी और विवेचक दोनों रहे हैं।
इसका जवाब देने में इंस्पेक्टर लड़खड़ा गए फिर जवाब दिया कि यह लिखापढ़ी में चूक हो गई है। इसके बाद बचाव पक्ष ने पूछा कि इस चूक के संबंध में आपने जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति को अवगत कराया था या नहीं। इस सवाल का जवाब देने में वह हड़बड़ा गए फिर नहीं में उत्तर दिया।
बिकरू कांड में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए प्रभात मिश्रा व उसके पिता राजेंद्र कुमार मिश्रा की गिरफ्तारी के संबंध में भी सवाल किए। हालांकि विशेष लोक अभियोजक अमर सिंह भदौरिया ने बचाव पक्ष के कई सवालों पर विरोध किया।
विशेष लोक अभियोजक अमर सिंह भदौरिया ने बताया कि सभी आरोपित कोर्ट में पेश किए गए। अधिवक्ता संतोष कुमार बाजपेयी की जिरह पूरी हो गई है। आरोपित राम सिंह यादव की ओर से अधिवक्ता शिवबरन सिंह ने जिरह शुरू की है जो अभी जारी रहेगी। जिरह के लिए कोर्ट ने 13 अक्टूबर तिथि तय की है।