जोड़ जुगाड़ के 'ट्रैक' पर दौड़ा दिया करंट
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : विद्युत तंत्र सुधार करने की जल्दबाजी में ठेकेदार ने मानक ही ता
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : विद्युत तंत्र सुधार करने की जल्दबाजी में ठेकेदार ने मानक ही ताक पर रख दिए। हाल यह है कि डेरापुर से गलुआपुर तक सात किमी विद्युत लाइनें कहीं झुके खंभों से गुजार दी गईं तो कहीं खंभों पर करंट से बचाव के लिए क्रास आर्म लकड़ी के टुकड़े कस दिए गए।
शहर से लेकर गांव तक निर्बाध बिजली आपूर्ति सरकार की प्राथमिकता में है। जिसके चलते सबस्टेशनों की क्षमता में वृद्धि व फीडरों का विभाजन किया जा रहा है। सुचारू बिजली आपूर्ति व फीडर लोड कम करने के लिए तीन वर्ष पूर्व डेरापुर सबस्टेशन से गलुवापुर तक अलग फीडर बनाने की सहमति बनी थी। लगभग 7 किमी लंबे इस फीडर की लागत करीब 22 लाख रुपये है। वर्क आर्डर जारी होने पर ठेकेदार प्रवीण द्वारा खंभे लगवा दिए, लेकिन अब तक लाइन नहीं बिछाई। इधर दस दिन पूर्व जल्दबाजी में लाइन डलवाई तो कई स्थानों झुके खंभों से तार गुजार दिए। वहीं खंभे पर क्रासआर्म को कसने के लिए लकड़ी के टुकड़े लगा दिए। इतना ही नहीं हड़बड़ी में इस फीडर से तीन दिन पूर्व 12 गांवों में बिजली भी जोड़ दी। मानक को ताक पर रखकर डाली गई विद्युत लाइन से सुचारू बिजली आपूर्ति पर संशय बना हुआ है।
एक दूसरे को ठहरा रहे जिम्मेदार
घटिया क्रास आर्म लगाए जाने व इन्हें लकड़ी की खपच्चियां लगाकर कसने को लेकर विद्युत अफसर एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। अधिशासी अभियंता रनियां ने विद्युत लाइन में खामियों को लेकर जांचने का काम एसडीओ का बता दिया तो एसडीओ रूरा ने विद्युत लाइन खंड स्तर से बनवाया जाना बता दिया। उन्होंने कहा कि नोनारी फीडर का भार कम करने के लिए इसे ऊर्जीकृत करा दिया गया है। क्रास आर्म कसने के लिए लकड़ी की खपच्चियां लगाने की जांच कराई जाएगी।
'' तार उपलब्ध न होने पर खंभे लगाने के बाद काम रुका था। ठेकेदार ने कुछ दिन पहले ही लाइन बिछाई है। लाइन में जोड़ जुगाड़ से क्रास आर्म व झुके खंभों की जांच कराकर खामियां दुरुस्त कराई जाएंगी। ''
- दीपक ¨सह, अधिशासी अभियंता, विद्युत खंड, रनियां