खर दूषण का वध करते ही गूंजा जय श्रीराम
संवाद सहयोगी रसूलाबाद रसूलाबाद धर्मगढ़ बाबा मंदिर परिसर में चल रही रामलीला कार्यक्रम मे
संवाद सहयोगी, रसूलाबाद : रसूलाबाद धर्मगढ़ बाबा मंदिर परिसर में चल रही रामलीला कार्यक्रम में शूर्पणखा के नाक कान काटने के बाद खर दूषण के वध की लीलाएं हुई। वध करते ही पूरा पंडाल जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा।
भगवान राम लक्ष्मण के सुंदर रूप को देखकर मोहित हुई शूर्पणखा ने उनसे विवाह का प्रस्ताव रखा और कहा कि तुम सम पुरुष न मो सम नारी, यह संजोग विधि रचा बिचारी। शूर्पणखा के यह कहने पर भगवान ने उससे कहा सीतहि चितइ कहीं प्रभु बाता, अहहि कुआर मोर लघु भ्राता। इस पर वह लक्ष्मण के पास गई लेकिन लक्ष्मण ने यह कह कर उसे मना कर दिया कि सुंदरि सुनु मैं उन्ह कर दासा, पराधीन नहीं तोर सुपासा। इस पर वह फिर से भगवान श्रीराम के पास गई राम ने उसे फिर लक्ष्मण की ओर भेजा इससे वह खिसिया गई और अपना राक्षसी रूप प्रकट कर लिया। तब भगवान ने लक्ष्मण की ओर इशारा किया और लक्ष्मण ने उसके नाक कान काट कर मानो रावण को चुनौती दी। लछिमन अति लाघवं सो नाक कान बिन कीन्हि, ताके कर रावन कहं मनौ चुनौती दीन्हि। इसके बाद शूर्पणखा अपनी इसी दिशा में अपने भाइयों खर दूषण के पास गई और उनसे सब बताया। इसके बाद दोनों ने आक्रमण कर दिया, भगवान ने लक्ष्मण को सीता सहित एक कंदरा में भेज दिया और स्वयं 14 हजार सैनिकों की सेना से युक्त खर, दूषण व त्रिसरा का वध किया।