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कानपुर-झांसी रूट पर गेटमैन ने बंद नहीं किया फाटक, ट्रेन से टकराकर लोडर के परखच्चे उड़े, दो लोगों की मौत

कानपुर-झांसी रेल रूट पर जल्लापुर क्रासिंग पर गेटमैन ने फाटक बंद नहीं किया और ट्रैक क्रास कर रहे लोडर में ट्रेन ने टक्कर मार दी। हादसे में लोडर के परखच्चे उड़ गए और दो लोगों की मौत हुई है। हादसे के बाद चार घंटे तक रेल यातायात बाधित रहा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Thu, 17 Nov 2022 10:15 AM (IST)
कानपुर-झांसी रूट पर गेटमैन ने बंद नहीं किया फाटक, ट्रेन से टकराकर लोडर के परखच्चे उड़े, दो लोगों की मौत
कानपुर देहात में झांसी रेल रूट पर हादसा हुआ है।

कानपुर देहात, जागरण संवाददाता।  कानपुर-झांसी रेल रूट पर गेटमैन की लापरवाही से बड़ा हादसा हो गया। जल्लापुर क्रासिंग पर गेटमैन ने फाटक बंद नहीं किया और ट्रैक क्रास कर रहा लोडर अचानक आई ट्रेन की चपेट में आ गया। हादसे में लोडर के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार दो लोगों की मौत हो गई। वहीं, पोल से टकराए लोडर की वजह से ओएचई लाइन का इंसुलेटर क्षतिग्रस्त हो गया। इससे चार घंटे तक रेल यातायात बाधित रहा।

स्वरूपपुर गांव के 20 वर्षीय विष्णु और 22 वर्षीय कृष्णा लोडर लेकर बुधवार देर रात करीब एक बजे अमौली गए थे। सुबह दोनों लोडर से वापस गांव लौट रहे थे। कानपुर-झांसी रेल रूट पर जल्लापुर क्रासिंग खुली होने पर वह ट्रैक क्रास कर रहे थे। इस बीच अचानक लखनऊ से गुजरात जा रही गांधीनगर एक्सप्रेस ट्रेन आ गई और चपेट में आए लोडर के परखच्चे उड़ गए। लोडर सवार दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई।

वहीं, टक्कर लगते ही लोडर ओएचई पोल से टकराया, जिससे इंसुलेटर क्षतिग्रस्त होने से आपूर्ति बाधित हो गई। इससे रूट पर रेल यातायात बाधित हो गया। रेल रूट पर कानपुर की ओर चार ट्रेनों को तत्काल रोका गया। इसमें मुंबई एक्सप्रेस, लखनऊ-इंदौर एक्सप्रेस को रोक दिया गया। जानकारी मिलते ही रेलवे अफसरों में खलबली मच गई और तकनीकी टीम मौके पर पहुंच गई।

गेटमैन ने नहीं बंद किया था फाटक

हादसे के बाद पहुंचे ग्रामीणों ने रेलवे पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना था कि रात में गेटमैन ने फाटक बंद नहीं किया था, जिससे हादसा हो गया। अगर गेटमैन ने फाटक बंद कर दिया होता तो शायद दोनों की जान बच जाती, गनीमत रही कि लोडर में टक्कर मारने के बाद ट्रेन बेपटरी नहीं हुई, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

गेटमैन अक्सर रात में वाहनों का आवागमन कम होने के चलते फाटक बंद नहीं करते हैं, जिससे हादसे का खतरा बना रहता है। वहीं, ग्रामीणों ने एक सवाल और उठाया कि जब फाटक बंद नहीं था तो रेड सिग्नल रहने पर ट्रेन क्यों नहीं रुकी। ग्रामीणों ने रेलवे अफसरों को मौके पर बुलाने की मांग करते हुए गेटमैन पर कार्रवाई की मांग की। मौके पर पहुंचे दोनों के पिता जसवंत और रामप्रकाश अपने बेटों का शव देखकर बेहाल हो गए।

चार घंटे बाधित रहा रेल यातायात

रात करीब दो बजे हादसा होने के बाद रेल यातायात बाधित हो गया। देर रात ही रेलवे की तकनीकी टीम पहुंच गई और मरम्मत कार्य शुरू कर दिया। सुबह करीब छह बजे तक ओएचई लाइन दुरुस्त हो सकी और रेल यातायात बहाल हुआ। झांसी डीआरएम आशुतोष कुमार ने बताया कि घटना की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।