कलश यात्रा में महिलाओं ने गाए गीत, गूंजे जयकारे
संवाद सहयोगी, झींझक: सोमवार को कलश यात्रा व झांकी में कलाकारों के नृत्य के साथ कस्बे क
संवाद सहयोगी, झींझक: सोमवार को कलश यात्रा व झांकी में कलाकारों के नृत्य के साथ कस्बे के पशु मेला बाजार में श्रीविष्णु महायज्ञ, श्रीमछ्वागवत व महाभारत मानस कथा का शुभारंभ हो गया। कलश यात्रा में महिलाएं देवी गीत गाती हुई चल रही थी तो भक्त जयकारे लगा रहे थे।
सनातन धर्म प्रचार समिति कस्बे में धार्मिक आयोजक करा रही है। सोमवार शाम कस्बे के आयोजन स्थल पशु मेला बाजार में यज्ञ स्थल पर भूमि पूजन हुआ। इसके बाद कलश शोभा यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में भारी संख्या में महिला व पुरुष भक्त शामिल हुए। भोला नगर, बस्ती, ओम नगर होकर नहर पुल पहुंची कलश यात्रा में महिलाएं देवी गीत गाती हुई चल रही थीं। नहर में कलश में जल लेकर महिलाएं इसी रास्ते से वापस हुई। यात्रा में शामिल झांकी के कलाकारों ने शिव नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। कलाकार बड़ा चौराहा, छोटा चौराहा स्टेशन रोड आदि स्थानों पर शिव नृत्य करते हुए कथा स्थल पर पहुंचे। यहां कलश स्थापित किए गए। आयोजक भोले शुक्ला ने बताया कि कार्यक्रम 19 नवंबर तक चलेगा। 20 नवंबर को भंडारे में प्रसाद वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 7 गरीब कन्याओं को विवाह भी कराया जाएगा। यज्ञाचार्य रवि देवजी महाराज होंगे। श्रीमछ्वागवत वाचक राजेश द्विवेदी, रामकथा रामस्वरूपाचार्य जी महाराज कहेंगे।
इंसेट)
भक्त के कल्याण को अवतार लेते भगवान
संवाद सूत्र, रूरा : कस्बे में चल रही श्रीमछ्वागवत कथा में सोमवार को आचार्य हरिनारायण जी ने बताया कि संसार का कल्याण केवल प्रभु के हाथ में है। भक्त का कल्याण करने के लिए प्रभु अवतार लेते हैं। आचार्य ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि व्यक्ति को अपने अंदर किसी प्रकार की बुराई नही पालनी चाहिए। बुराई पालने से भगवान नाराज होते हैं। उन्होंने कहा कि क्रूर कंस के अत्याचारों को खत्म करने के लिए ही प्रभु ने जन्म लिया था। कृष्ण कथा सुनकर पंडाल में भक्तों ने जयकारे लगाए। इससे माहौल भक्ति मय हो गया। बाद में झांकी की आरती उतारी गई और प्रसाद वितरित किया गया।