मैं खुशबू बनकर फैलूंगी, उपवन में आग लगा दो तुम.
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : मेरे सब पंख कटा दो तुम, सांसों की डोर घटा दो तुम., घर
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : मेरे सब पंख कटा दो तुम, सांसों की डोर घटा दो तुम., घर के भीतर दुनिया पूरी चौखट से आंगन तक दूरी, न धरती न आकाश मिला हे राम मेरी मजबूरी, कितने भी बीज दबा दो तुम, जल की हर बूंद सुखा दो तुम, मैं खुशबू बन कर फैलूंगी, उपवन में आग लगा दो तुम.. दिल्ली की कवयित्री डॉ भावना त्रिपाठी की बेटियों के प्रति भाव उकेरती कविता को सुनकर हर कोई भावुक हो गया। मौका था, अकबरपुर रामलीला समिति द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन का, जिसमें कवियों ने रचनाओं के जरिये लंकापुरी मैदान में समां बांध दिया।
कार्यक्रम की शुरूआत में डीएम राकेश कुमार ¨सह ने दीप प्रज्ज्वलित किया तो समिति सदस्यों ने सभी को शॉल व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कवयित्री डॉ भावना त्रिपाठी ने सरस्वती वंदना गाकर काव्य पाठ का शुभारंभ किया।
हास्य कवि शम्भू शिखर ने महंगाई पर वार करते हुए कहा कि कीमत तो खूब बढ़ गई नगरों में धान की, बेटी विदा न हो सकी किसान की। कवि कमलाकांत दीक्षित ने सर्जिकल स्ट्राइक पर कहा, हिन्द का सिपाही सीना तान खड़ा सीमा पर, ¨कतु हांथ बांधती दिल्ली वाली कुर्सी। इसपर कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ शिव ओम अंबर ने बीच में जवानों की शहादत पर कसीदे पढ़े। लखनऊ की कवयित्री कविता तिवारी ने वीर रस के बाणों ने देश के गद्दारों, कश्मीर के पत्थरबाजों और पाकिस्तान की करतूतों का वध किया..सुनाकर वाहवाही लूटी।
कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर पद्मश्री कवि डॉ सुनील जोगी ने, अपनी चर्चित कृति 'तुम नई विदेशी मिक्सी हो मैं पत्थर का सिलबट्टा हूं, तुम एके सैंतालिस जैसी मैं तो इक देसी कट्टा हूं.. पेश कर लोगों को खूब ठहाके लगाए। इस मौके पर एसपी राधेश्याम, भाजपा जिलाध्यक्ष राहुल देव अग्निहोत्री, नरेश कटियार, चेयरमैन अकबरपुर ज्योत्सना कटियार, महेंद्र कटियार, संतोष ओमर, रामलीला समिति के अध्यक्ष विपिन दीक्षित, सूर्यकांत, विमलेश कुमार, अभिषेक गुप्ता, पवन सचान, दीपक राणा, गो¨वद मिश्रा, रामजी मिश्रा, पवन सचान, अमित राजपूत आदि रहे।