स्वास्थ्य केंद्र में ताला, बकरियां बनीं पहरेदार
स्वास्थ्य केंद्र में ताला बकरियां बनीं पहरेदार
संवाद सूत्र, मूसानगर: क्षेत्र में बने उप स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बद से बदतर है। कहीं ताले लटक रहे हैं तो कहीं सामने मवेशी बंधे हुए हैं। तो कहीं कूड़ा कचरा के ढेरों से पटे नजर आ रहे हैं। केंद्र मातृत्व शिशु कल्याण योजना के तहत मूसानगर समेत तीन स्थानों पर उक्त केंद्र विगत एक दशक पूर्व बनाए गए थे। जब ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को गर्भवती महिलाओं को व टीकाकरण की सुविधाएं उक्त केंद्रों पर मिलती थी। यह बात अब गुजरे जमाने की प्रतीत होती नजर आ रही है।
ग्राम बिबियापुर ग्राम मूसानगर तथा ग्राम मूसानगर बांगर में बने केंद्र पर अब कब कर्मचारी बैठते हैं। इससे उनकी हालत देखते ही अंदाजा लग जाता है। ग्राम मूसानगर बांगर में बना उप स्वास्थ्य केंद्र जहां पर सामने बकरे बकरियां कथा केंद्र में ताला लटकता नजर आता है। इसी प्रकार मूसानगर का केंद्र जो मूसानगर मनकी मार्ग के किनारे बना है। देखने से आपको स्वयं अंदाजा लग जाएगा कि यह सेंटर कर्मचारियों एवं अधिकारियों की उदासीनता के चलते आज अपना वजूद खो रहा है। केंद्र के बाहर बड़े-बड़े विलायती बबूल कूड़े के ढेर मौरंग के ढेर इस बात के सबूत हैं। उक्त सेंटर बरसों बरस से नहीं खुल रहा है। ऐसे में मातृ शिशु कल्याण योजना गांव में दम तोड़ती नजर आ रही है। रामलाल, शोभित, मनोज, गिरधारी सिंह, अनुज कुमार आदि का कहना है कि जिस मकसद से मुक्त सेंटरों का निर्माण कराया गया था आज वह पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। भले ही यहां तैनात एएनएम कहां और कब बैठकर टीकाकरण करती हैं अधिकाश लोगों को जानकारी नहीं होती है। इस बाबत ब्लॉक अमरौधा के प्रभारी डा. आदित्य सचान ने बताया कि उक्त सेंटरों पर तैनात एएनएम अन्य दूसरी जगह बैठकर अपने अपने क्षेत्र के कामों को निपटाती हैं। अब जल्द ही ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि वह केंद्रों पर ही बैठ कर मातृत्व शिशु से संबंधित एवं टीकाकरण का कार्य करें।