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अलविदा : बृजेश अपहरण हत्याकांड ने जिले को रुलाया

जागरण संवाददाता कानपुर देहात वैसे तो इस वर्ष कई अपराध की घटनाएं हुई लेकिन एक घटन

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 08:40 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 12:21 AM (IST)
अलविदा : बृजेश अपहरण हत्याकांड ने जिले को रुलाया
अलविदा : बृजेश अपहरण हत्याकांड ने जिले को रुलाया

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : वैसे तो इस वर्ष कई अपराध की घटनाएं हुई, लेकिन एक घटना ने सभी को रुला दिया, वह था बृजेश अपहरण हत्याकांड। दोस्त ने ही 20 लाख की फिरौती के लिए हत्या कर शव को कुएं में फेंक दिया। खाकी 15 दिन तक तलाश करती रही और आखिर में शव मिलने के साथ उसके हत्यारे दोस्त सुबोध का पता चला। यह कांड पूरे जिले में चर्चा में रहा वहीं इसके अलावा ज्योतिषी अपहरण कांड, मंगटा जातीय संघर्ष व गहोलिया हत्याकांड चर्चा में रहे।

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भोगनीपुर के चौरा गांव निवासी धर्मकांटा कर्मी बृजेश पाल का 15 जुलाई की रात अपहरण हो गया। अगले ही दिन घर पर चचेरे भाई के नंबर पर 20 लाख की फिरौती का फोन आया और पांच दिन का अल्टीमेटम दिया गया। पुलिस जांच में जुटी लेकिन उसे लोकेशन तक न पता चल सका। खाकी पर रिश्तेदारों से ही मारपीट का आरोप लगा तो राजनीतिक पार्टियों ने भी इस मुद्दे को उछाला। आखिर में 28 जुलाई को कुएं से सड़ा गला शव मिला और उसका दोस्त सुबोध पकड़ में आया। इस मामले ने पुलिस की बहुत किरकिरी कराई। इसके अलावा मंगटा गांव में ठाकुरों व दलितों में हुए जातीय संघर्ष का विवाद प्रदेश स्तर तक राजनीतिक स्तर पर उछला। दलितों संग मारपीट के बाद यहां सपा, कांग्रेस, बसपा व भीम आर्मी के अलावा करणी सेना के लोग पहुंचे। कई दिनों तक यहां पर पुलिस प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की और अस्थायी चौकी भी बना दी गई। इसके अलावा पूर्व भाजपा नेता सत्यम सिंह चौहान द्वारा एक करोड़ की फिरौती के लिए खंडवा के ज्योतिषी सुशील तिवारी व उनके चालक का अपहरण कर लिया गया। इस मामले में पुलिस ने तेजी दिखाते हुए 48 घंटे में उन्हें सकुशल बरामद कर आरोपितों को पकड़ लिया। नेताओं व अपराधियों के गठजोड़ की यह घटना बहुत समय तक जिले में चर्चा में रही। वहीं दो माह पहले गहोलिया रूरा गांव में 14 वर्षीय किशोरी की हत्या व उसका नरकंकाल मिलने की घटना और उसमें उनके ताऊ के जेल जाने की घटना के बाद कई सियासी पार्टियों ने गांव का रूख किया। माहौल को देखते हुए फोर्स तक तैनात करनी पड़ी।


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