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आखिरी दिन तौल को परेशान रहे किसान, हुए मायूस

जागरण संवाददाता कानपुर देहात शासन के निर्देश पर मंगलवार को गेहूं खरीद का आखिरी दि

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 08:03 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 08:03 PM (IST)
आखिरी दिन तौल को परेशान रहे किसान, हुए मायूस
आखिरी दिन तौल को परेशान रहे किसान, हुए मायूस

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : शासन के निर्देश पर मंगलवार को गेहूं खरीद का आखिरी दिन होने से किसान तौल के लिए परेशान रहे। कई लोगों के तौल नहीं हो सके तो कुछ ने कम गेहूं तौल का आरोप लगाया। दिनभर किसान केंद्र पर ही डटे रहे और कई को बैरंग लौटना पड़ा।

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रबी विपणन वर्ष 2021-22 में गेहूं खरीद के लिए जिले में खाद्य विभाग, पीसीयू, पीसीएफ, मंडी समिति सहित छह एजेंसियों के 64 केंद्र बनाए गए थे। गेहूं बिक्री के दौरान किसानों को समस्या न हो, इसके निर्देश शासन की ओर से पूर्व में ही दिए गए थे, लेकिन इसके बाद भी किसानों को समस्याओं से जूझना पड़ा। 15 जून पहले तय सीमा थी, लेकिन इसके बाद फिर से 22 जून तक खरीद की मियाद कर दी गई। मंगलवार तड़के से ही किसान गेहूं लदी ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर केंद्र के अंदर व बाहर जमा रहे। सभी अपनी बारी का इंतजार करते रहे और परेशान रहे कि उनकी तौल शाम से पहले हो पाएगी या नहीं। अकबरपुर मंडी में किसान इंतजार करके परेशान हो गए तो वहीं जमीन पर ही बैठकर खाना खाने लगे। यहां रूरा के किसान राजीव कुमार ने बताया कि 15 जून के पहले वह तौल के लिए परेशान थे, लेकिन रूरा के केंद्र पर गए तो बताया कि अब जो समय सीमा बढ़ी है उसमें उनके यहां खरीद नहीं हो पाएगी। वह मंडी समिति अकबरपुर केंद्र पर 18 जून को आ गए और 50 क्विंटल गेहूं लाए थे, लेकिन प्रभारी कह रहे कि केवल 20 क्विंटल ही ले पाएंगे। इसी तरह की समस्या बाकी किसानों ने भी बताई और कम तौल का आरोप लगाया। जिले में बाकी मंडी समिति के केंद्रों पर भी यही हाल रहा और शाम तक यह हाल हुआ कि कई की खरीद नहीं हो सकी। विपणन अधिकारी शिशिर कुमार ने बताया कि मंगलवार आखिरी दिन था और इस बार कोई लक्ष्य तय नहीं किया गया था।

बिचौलियों को बेचने की मजबूरी

अकबरपुर के किसान संदीप कुमार, रामखिलावन व सुरेश ने बताया कि उनकी तौल नहीं हो पाई ऐसे में बिचौलियों को सस्ते में गेहूं देना पड़ेगा। अगर क्रय केंद्र पर गेहूं बिक जाता तो उन्हें मुनाफा होता, लेकिन व्यवस्था ऐसी कि तौल को ही कई दिन लग गए।


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