जल संरक्षण के लिए किसानों को आगे आना चाहिए
ब्लॉक परिसर में आत्मा योजना के तहत आयोजित एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण में आए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को फसल पैदावार बढ़ाने के लिए जानकारी दी।
संवाद सहयोगी, झींझक: ब्लॉक परिसर में आत्मा योजना के तहत आयोजित एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण में आए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को फसल पैदावार बढ़ाने के लिए जानकारी दी।
सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा योजना के अंर्तगत कृषक प्रशिक्षण डॉक्टर अरविन्द कुमार, कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को बताया कि जल संरक्षण के लिए किसानों को आगे आना चाहिए। तथा फसल की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का परीक्षण कराकर उसमें जरूरत के हिसाब से उर्वरक का प्रयोग करें। समय समय पर कीट नाशक का भी प्रयोग करें। उन्होंने किसानों को बताया कि लाही की बुआई करते समय एक बीघे फसल में 25 किलो डीएपी तथा 20 किलो यूरिया तथा पांच किलोग्राम सल्फर का प्रयोग करें। जिस खेत में सल्फर डाली है उसमें दो वर्ष तक सल्फर का प्रयोग न करें। खड़ी फसल में सल्फर नहीं डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी किसान भाई अपने बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें। ताकि बच्चों का भविष्य अच्छा हो। मृदा एवं कृषि रसायन वैज्ञानिक डाक्टर एमएन अग्रवाल ने किसानों को बताया कि फसल की उपज भूमि पर निर्भर करती है। इसलिए फसल बुआई के पूर्व मिट्टी का परीक्षण करवाकर ही उसमें बीज की बुआई करें तो फसल की अच्छी पैदावार होगी और किसान संपन्न बनेगा। उद्यान वैज्ञानिक यूएन, पांडेय ने किसानों को बताया किसानों को आय बढ़ाने के लिए खेतों की मेड़ पर बागवानी करनी चाहिए। जिन किसानों के पास अधिक भूमि है वे फलों आदि के बाग लगाकर धन कमा सकते हैं । इस दौरान झींझक ब्लाक के आत्मा योजना प्रभारी अखिलेश चन्द्र दुबे, संजय कुमार, विवेक दुबे, ब्रजेश, कुलदीप के अलावा भारी संख्या में किसान मौजूद रहे।