सफाई में की बेगार तो नहीं मिलेगी पगार
जागरण संवाददाता कानपुर देहात गांवों में तैनाती के दौरान सफाई कार्य से नदारद रहते हु
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : गांवों में तैनाती के दौरान सफाई कार्य से नदारद रहते हुए बेगारी करने वाले सफाई कर्मियों को अब अफसर भी पगार देने के मूड में नहीं है। महीने का पूरा वेतन लेने के लिए सफाई कर्मियों को हर रोज कार्य करते हुए उच्चाधिकारियों को फोटो भेजनी होगी। मनमानी पर रोक लगाने के लिए एडीओ पंचायत को पर्यवेक्षणीय अधिकारी नामित करते हुए जवाबदेही भी तय की गई है।
पंचायती राज विभाग की ओर से सफाई कर्मियों का अमला ग्राम पंचायतों में कूड़ा व गंदगी की साफ-सफाई के लिए लगाया गया है। इसके बावजूद अधिकांश गांव कूड़े से पटे पड़े हैं। इससे गांवों में संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। सफाई कर्मियों की शिकायतों का अंबार मिलने पर डीपीआरओ ने गांवों में गंदगी की सफाई करने की हर रोज फोटो देने पर ही वेतन देने की कवायद शुरू की है। साथ ही ग्राम प्रधान तिथिवार किये गए कार्यों को रजिस्टर में दर्ज कराते हुए ग्रामीणों के हस्ताक्षर से वेरीफाई कराएंगे। एडीओ पंचायत से उपस्थिति सत्यापित होने के बाद सफाई कर्मियों को वेतन दिया जाएगा। साथ ही सफाई कार्य का निरीक्षण करने के लिए एडीओ पंचायत को पर्यवेक्षणीय अधिकारी नामित किया है। सभी एडीओ पंचायत को प्रतिमाह कम से कम 10 राजस्व गांवों का औचक निरीक्षण करते हुए सफाई व्यवस्था जांचनी होगी। लापरवाही पाये जाने पर संबंधित सफाई कर्मी की रिपोर्ट भेजने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद उच्चाधिकारियों के निरीक्षण में यदि गंदगी व कूड़े के ढेर मिलते हैं तो सफाई कर्मी के साथ-साथ एडीओ पंचायत की जवादेही तय होगी। डीपीआरओ के फरमान से सफाई कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है।
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सफाई कर्मियों को तैनाती वाले गांव में कार्य करते हुए फोटो व्हाटसएप पर भेजना होगा। एडीओ पंचायत को पर्यवेक्षणीय अधिकारी नामित किया गया है। लापरवाही मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-शिवशंकर सिंह (डीपीआरओ)