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डाक्टर न उपकरण, फाइलों में हो रहा परीक्षण

जागरण संवाददाता,कानपुर देहात: जनपद में बीमारी के प्रकोप के साथ ही निजी पैथालॉजी संचालकों

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 06:43 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 06:43 PM (IST)
डाक्टर न उपकरण, फाइलों में हो रहा परीक्षण
डाक्टर न उपकरण, फाइलों में हो रहा परीक्षण

जागरण संवाददाता,कानपुर देहात: जनपद में बीमारी के प्रकोप के साथ ही निजी पैथालॉजी संचालकों की बल्ले बल्ले हो गई है।जहां सरकारी क्षेत्र में 16 पैथालॉजी संचालित हैं। वहीं निजी क्षेत्र की 23 पैथालॉजी स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत हैं। इनमें से अधिकांश का संचालन बिना डाक्टर व उपकरणों के ही हो रहा है। करीब दो दर्जन से अधिक पैथालॉजी बिना पंजीकरण के संचालित हैं जो विभागीय कार्यशैली पर सवालिया निशान हैं।

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जनपद में मौजूदा समय में बड़ी संख्या में लोग बुखार, पेट दर्द, उल्टी दस्त व पीलिया आदि की चपेट में आकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। बीमारी से जहां दो माह में 11 मौतें हो चुकी हैं। वहीं सेहू रामपुर रसूलाबाद के बुखार पीड़ित किशोर अनुज के जीएसवीएम मेडिकल कालेज में हुए परीक्षण में डेंगू की पुष्टि के बाद बुखार पीड़ित मरीजों में दहशत है। सरकारी सेक्टर की पैथालॉजी में अव्यवस्था से अधिकांश बुखार पीड़ित मरीज मौजूदा समय में निजी पैथालॉजी में परीक्षण के लिए पहुंच रहे हैं। जिले में निजी क्षेत्र की 23 पैथालाजी स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत हैं। अधिकांश में डाक्टर व उपकरणों का टोटा है। अधिकांश निजी पैथालाजी संचालक पीड़ितों की प्लेटलेट्स गिरने से डेंगू की संभावना जता उन्हें कुछ चु¨नदा नर्सिंग होम में भेजकर उनके एजेंट बने हुए हैं। वहीं बिना पंजीकरण के दो दर्जन से अधिक पैथालाजी संचालक नगरीय क्षेत्रों में बाकायदे बोर्ड लगाकर संचालन कर रहे हैं। इससे विभागीय कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा है।

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बिना पैथालाजिस्ट के सरकारी सेक्टर की अधिकांश पैथालाजी

जिले के सरकारी क्षेत्र में जिला अस्पताल के अलावा अकबरपुर, डेरापुर, रसूलाबाद, पुखरायां, झींझक, सिकंदरा , हवासपुर गजनेर वे शिवली सीएचसी तथा सरवनखेड़ा, मलासा, अमरौधा, राजपुर, व मैथा पीएचसी में पैथालाजी की व्यवस्था है। मौजूदा समय में जिला अस्पताल में बतौर पैथालाजिस्ट डॉ बीपी ¨सह व सीएमओ के अधीनस्थ डा. आरके आजाद की ही तैनाती है। सरकारी सेक्टर की पैथालाजी में परीक्षण की कमान लैब तकनीशियन व लैब सहायकों के ही हवाले है। जिम्मेदारों की अनदेखी से इन पैथालाजी में सही ढंग से परीक्षण न हो पाने से मरीज भटकने को मजबूर हैं।

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सरकारी क्षेत्र में पैथालाजी परीक्षण की व्यवस्था

पैथालाजिस्ट - 2

लैब तकनीशियन- 10

लैब सहायक - 10

जिला अस्पताल में पैथालॉजी - 1

स्वास्थ्य केंद्रों में पैथालॉजी - 15

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निजी क्षेत्र में अब तक पंजीकृत पैथालाजी

अकबरपुर - 11

पुखरायां - 6

सिकंदरा -1

झींझक - 3

रसूलाबाद -1

सरवनखेड़ा -1

इनसेट - पैथालाजी में इनका होना चाहिए इंतजाम

- सीबीसी मशीन, माइक्रोस्कोप , फ्रीजर आदि उपकरण

- अग्निशमन उपकरणों के अलावा पानी बिजली की व्यवस्था

- पैथालाजिस्ट, प्रशिक्षित लैब तकनीशियन व लैब सहायक

- चिकित्सकीय कचरा निस्तारण की व्यवस्था

- प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का एनओसी

इंसेट) जिले में दो पैथालाजिस्ट की तैनाती है। यहां सरकारी सेक्टर में 16 पैथालाजी संचालित हैं। जिनमें प्रशिक्षित स्टाफ काम कर रहा है। निजी क्षेत्र में 23 पैथालाजी व कलेक्शन सेंटर पंजीकृत हैं। अपंजीकृत पैथालॉजी, क्लीनिक व अस्पतालों की जांच के लिए डिप्टी सीएमओ डा. एपी वर्मा बतौर नोडल अफसर काम कर रहे हैं। उन्हे पंजीकृत पैथालॉजी व अस्पतालों, क्लीनिकों में प्रशिक्षित स्टाफ,संसाधनों व उपकरणों की जांच कर प्रभावी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।-डा.वीपी ¨सह, एसीएमओ कानपुर देहात।


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