जिला अस्पताल महिला में गरीबों की जेब पर डाका
जागरण संवाददाता कानपुर देहात शासन प्रशासन चाहे लाख कवायद कर ले लेकिन गरीबों की समस्या
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: शासन प्रशासन चाहे लाख कवायद कर ले लेकिन गरीबों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही। इसी बात को एक बार फिर जिले भर के सरकारी चिकित्सक उजागर कर रहे हैं। संयुक्त जिला अस्पताल महिला में डॉक्टर की पर्चियों पर खुलेआम बाहरी दवाएं लिख रहे हैं। खास बात यह है कि ये दवाइयां जन औषधि केंद्रों पर भी नहीं मिलतीं। हालत यह हो जाती है कि मरीजों तथा तीमारदारों को बाहर से मंहगी दवाएं लेनी पड़ती है। कई चिकित्सक खुद अस्पताल की दवाओं को जेनरिक तथा कम असरदार बता कर गुमराह करते हैं। मरीजों का आरोप है कि डॉक्टर कमीशन के चक्कर में ऐसा करते हैं ।
अकबरपुर संयुक्त जिला अस्पताल महिला में अधिकतर चिकित्सक शासनादेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। कुछ चिकित्सक तो सरकारी पर्ची की बजाय अलग से एक पर्ची बना देते हैं और उस पर बाहरी दवाएं लिख देते हैं। दवाओं के साथ इंजेक्शन भी लिखा जा रहा है। मरीजों का कहना है कि यह सुई काफी महंगी होती हैं। अस्पतालों में तुरंत इसे खोल कर लगा दिया जाता है। इंजेक्शन पर चिकित्सकों का अच्छा खासा कमीशन बनता है। गर्भवती महिलाओं और प्रसव के बाद तीमारदारों से साफ कहा जाता है कि अस्पताल की दवाई फायदा करेगी कि नहीं हम इस बात की गारंटी नहीं लेते। जिला अस्पताल में आए बीरेंद्र सिंह निवासी गांव रतवा थाना गजनेर ने कहा कि डाक्टर पर्ची दे कर सीधे बाहर से दवाएं लाने का आदेश देते हैं। उन्होंने पत्नी सोनी को प्रसव पीड़ा होने पर बीती 21 मई को महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। गुरुवार देर रात एसएनसीयू के डॉक्टर ने कई दवाएं बाहर से लिख दी, जो काफी मशक्कत के बाद सिर्फ एक मेडिकल स्टोर पर मिली। इसी तरह झींझक क्षेत्र के बान गांव निवासी सोनू ने बताया कि उन्होंने पत्नी रूबी को बीती 19 मई को अस्पताल में भर्ती कराया था। गुरुवार रात डाक्टर ने बाहर से दवाएं लिख दी। जिला अस्पताल महिला की सीएमएस डा. कुमकुम शर्मा ने बताया कि वह अस्पताल से बाहर फैमिली में बिजी हैं। प्रकरण की जानकारी नहीं है।