आरक्षण का गलत लाभ लेकर शिक्षिका बन गई दो बहनें
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: पिछड़ी जाति की दो बहनों को अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र से
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: पिछड़ी जाति की दो बहनों को अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र से बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी मिल गई। इसकी शिकायत शासन स्तर पर हुई तो सच्चाई सामने आई। प्रकरण की जांच कर एसडीएम सिकंदरा ने जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने के लिए एडीएम प्रशासन को रिपोर्ट भेजी है।
राजपुर ब्लाक के मदनपुर निवासी मंगली प्रसाद ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि गांव के तुलसीराम पिछड़े वर्ग में आते हैं। इनकी पुत्रियां रुचि और निशा अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र से नौकरी पाकर प्राथमिक स्कूल करीम नगर राजपुर व रामपुर गजरा मैथा में शिक्षिका हैं। उच्चाधिकारियों से शिकायत होने पर हरकत में आए अफसरों ने जांच के निर्देश दिए। जिसमें लेखपाल, राजस्व निरीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में दोनों को कुर्मी होना बताया। दोनों के जाति प्रमाण पत्रों में पिता का नाम तुलसीराम की जगह घसीटे प्रसाद दर्शाया गया है। घसीटे प्रसाद के परिवार रजिस्टर में दोनों का नाम अंकित नहीं था। लेखपाल व राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार सिकंदरा ने डीएम के नेतृत्व में गठित कमेटी के समक्ष प्रकरण भेजने की संस्तुति कर दी। एसडीएम सिकंदरा ने 21 सितंबर 2017 को एडीएम प्रशासन को भेजी गई रिपोर्ट में बताया कि निशा और रुचि ने जाति व बल्दियत बदल कर नौकरी पाई है। इनका अनुसूचित जाति का जारी प्रमाण पत्र निरस्त किया जाए। इस बावत एसडीएम सिकंदरा दीपाली कौशिक ने बताया कि दोनों शिक्षिकाओं का कहना है कि उन्हें बचपन में गोद लिया गया था, इसलिए उनके पास अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र है। एसडीएम ने जिलास्तरीय कमेटी के पास रिपोर्ट भेजी है।