बारा आश्रय स्थल में गोवंश की मौत, कई बीमार
गोवंशों को मिलता सिर्फ सूखा भूसा इलाज के भी नहीं समुचित इंतजाम
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : बेसहारा घूमते गोवंशों को आश्रय देने को लेकर सरकार भले ही गंभीर प्रयास कर रही हो, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण गोवंश काल के गाल में समा रहे हैं। देखरेख के अभाव में शनिवार को बारा आश्रय स्थल पर एक गोवंश की मौत हो गई जबकि कई गोवंश बीमारी की चपेट में हैं।
शासन के निर्देश पर बेसहारा मवेशियों के लिए गांवों में पशु आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं। पंचायत सचिव व प्रधान को व्यवस्थाएं दुरस्त रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद वह हीलाहवाली से बाज नहीं आ रहे हैं। माती मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर बारा ग्राम पंचायत में बना पशु आश्रय स्थल इन दिनों दुर्दशा का शिकार है। यहां पर पिछले कई दिनों से कई गोवंश बीमारी की चपेट में हैं। समुचित उपचार न होने के कारण शनिवार को एक गोवंश की मौत हो गई। सुबह जैसे ही इसकी जानकारी पंचायत सचिव को मिली, आनन-फानन शव को हटवा दिया। जबकि बीमार चल रहे कई पशुओं का इलाज कराने के नाम पर कोई सुध नहीं ली गई। गांव के बीडीसी सदस्य विकास राठौर सहित अन्य ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि पशुओं को चारे के नाम सिर्फ सूखा चारा दिया जाता है। अधिकारियों के निरीक्षण में सब कुछ चाकचौबंद दिखाने के लिए ही हरा चारा लाया जाता है। इसके चलते मवेशी बीमार व कुपोषित हैं। इलाज न होने के कारण दो दिन पहले भी एक मवेशी की मौत हुई थी। इसके बावजूद व्यवस्था दुरस्त नहीं हुई। अब आश्रय स्थल में सिर्फ 14 मवेशी ही बचे हैं। पंचायत सचिव हरनाथ संखवार ने बताया कि बूढ़ी होने के कारण गाय की मौत हुई है। वहीं बीमार मवेशियों का समुचित इलाज कराने के बाबत उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। गोवंश की मौत होने की जानकारी मिली है। रविवार को आश्रय स्थल पर जाकर निरीक्षण करेंगे। लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
ऋषिकांत राजवंशी (डिप्टी कलेक्टर)