सहकारी समिति भवनों में तालाबंदी, भटक रहे किसान
संवाद सहयोगी, सिकंदरा/रनियां : सिकंदरा व सरवनखेड़ा क्षेत्र में साधन सहकारी समितियों में ताल
संवाद सहयोगी, सिकंदरा/रनियां : सिकंदरा व सरवनखेड़ा क्षेत्र में साधन सहकारी समितियों में तालाबंदी से रबी की फसल बोआई के लिए किसानों को उर्वरक नहीं मिल रही है। किसान खुले बाजार से मंहगी उर्वरक खरीदने को मजबूर हो रहे हैं।
सहकारी समिति कर्मचारी संघ राज्य कर्मियों की भांति वेतन दिए जाने समेत तीन सूत्री मांगों को हड़ताल पर है। ऐसे में साधन सहकारी समितियों में तालाबंदी हो गई है। ऐन रबी फसल बोआई के समय सहकारी समिति कर्मियों की हड़ताल से किसानों को जरूरत की उर्वरक यानी यूरिया, डीएपी या फिर एनपीके नहीं मिल पा रही है। किसान पलेवा कर चुके किसान खुले बाजार से उर्वरक खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। भारतीय किसान संघ के प्रांतीय सदस्य कांधी के रामगोपाल गुप्ता, सिलहरा के हरिओम, अनुराग ¨सह, बैना के ब्रजभूषण ¨सह, मुबारकपुर के संतोष पाठक आदि किसानों ने बताया कि भाल गांव की मुबारकपुर समिति, रसधान की विलासपुर सहकारी समिति, खटकर गांव की सिकंदरा समिति, अनवा की गोपालपुर सहकारी समिति आदि में तालाबंदी है। समिति के चक्कर लगाकर किसान लौट रहे हैं। समिति कब खुलेगी और कब खाद मिलेगी इसकी स्थिति साफ नहीं है। ऐसे में पलेवा कर चुके किसान खुले बाजार से महंगी उर्वरक खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। सहायक विकास अधिकारी सहकारिता मनोज यादव ने बताया कि कई समितियां तो गबन को लेकर बंद हैं। वहीं अन्य समितियों में हड़ताल की वजह से तालाबंदी है। इधर सरवनखेड़ा ब्लाक के रनियां सहकारी समिति में भी हड़ताल की वजह से तालाबंदी है। ऐसे में रबी फसल की बोआई के लिए किसान ¨चतित हैं। अमित, राजवीर, विकास ¨सह, रविनाथ आदि ने बताया कि समिति में बंदी से खुले बाजार में डीएपी के दाम आसमान छू रहे हैं। डीएपी 1400 से 1500 रुपये तक बिक रही है। रनियां साधन सहकारी समिति के सचिव मनोज अवस्थी ने बताया कि 14 नवंबर को संघ पदाधिकारियों की शासन स्तर से वार्ता होगी। इसके बाद आए निर्णय के अनुसार आगे कदम उठाया जाएगा।