सावधान! ओवरलोड वाहनों के लिए खतरनाक है यमुना पुल
संवाद सहयोगी, घाटमपुर: कानपुर नगर व हमीरपुर जिले की सीमा पर बहने वाली यमुना नदी पर बना
संवाद सहयोगी, घाटमपुर: कानपुर नगर व हमीरपुर जिले की सीमा पर बहने वाली यमुना नदी पर बना पुल जर्जर है। कई बार क्षतिग्रस्त होने के बाद एनएचएआइ व पीएनसी कानपुर हाईवेज लिमिटेड ने पुल की भार वहन क्षमता का आंकलन करके बोर्ड भी लगा रखा है। लेकिन पुल के ऊपर से दिन रात दो गुना भार लेकर मौरंग व गिट्टी लदे ट्रक व डंपर गुजरते हैं। जिसके चलते किसी क्षण हादसे की संभावना से इनकार नही किया जा सकता है।
यमुना नदी पर पुल का निर्माण 1970 के दशक में किया गया था। लेकिन 90 के दशक के बाद बुंदेलखंड के हमीरपुर, बांदा व जालौन जनपदों में मौरंग व गिट्टी के अंधाधुंध खनन व ओवरलो¨डग के चलते यमुना नदी पुल कई बार क्षतिग्रस्त हुआ। अंतिम बार 2014-15 में पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद यातायात करीब डेढ़ माह तक बंद रहा था और एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) व पीपीपी मोड पर सड़क निर्माण करने वाली कंसेसनर कंपनी पीएनसी कानपुर हाईवेज लिमिटेड की इंजीनिय¨रग टीम ने भार वहन क्षमता का आंकलन करके कानपुर छोर पर 40 टन से अधिक भार वाले वाहनों के लिए पुल के सुरक्षित न होने का चेतावनी बोर्ड लगाया था। जो अभी भी लगा हुआ है।
बावजूद इसके सड़क से दिन रात क्षमता से कई गुना अधिक मौरंग व गिट्टी लाद कर ट्रक व डंपर बेरोकटोक पुल से गुजर रहे हैं। जानकारों के मुताबिक 10 टायर की भार वहन क्षमता 18 टन, 12 टायर वाले ट्रक या डंपर की 23 टन एवं 14 टायर वाले ट्रक व डंपर की क्षमता 28 टन नियत है। लेकिन ओवरलोड ट्रकों को कुल लोड क्रमश: 40, 65 व 75 टन तक होता है। यमुना नदी पर निíमत पुल पुराना है। ओवरलो¨डग के चलते कई बार क्षतिग्रस्त होने के बाद 2014-15 में चेतावनी बोर्ड लगवाया गया था। ओवरलोड वाहनों को पुल से गुजरने से रोकने के लिए संबंधित जिलों के डीएम व एसपी से समय समय पर अनुरोध किया जाता है।-पुरुषोत्तम लाल चौधरी,परियोजना निदेशक, एनएचएआई, कानपुर क्षेत्र