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किसान से 18 हजार रुपये की रिश्वत ले रहा था लेखपाल, गमछा छटकते ही एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार

राजपुर में किसान से खेत बंटवारे के नाम पर 18 हजार रुपये घूस लेते समय लेखपाल को एंटी करप्शन की टीम ने पकड़ लिया। टीम उसको अकबरपुर थाने लेकर आई और पूछताछ की। लेखपाल के पास से कई दस्तावेज मिले। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं आरोपित के पक्ष में कई लेखपाल थाने में जमा हो गए और रात तक डटे रहे।

By charutosh jaiswal Edited By: Abhishek Pandey Published: Sun, 25 Feb 2024 09:49 AM (IST)Updated: Sun, 25 Feb 2024 09:49 AM (IST)
किसान से 18 हजार रिश्वत लेते लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात। राजपुर में किसान से खेत बंटवारे के नाम पर 18 हजार रुपये घूस लेते समय लेखपाल को एंटी करप्शन लखनऊ की टीम ने पकड़ लिया। टीम उसको अकबरपुर थाने लेकर आई और पूछताछ की। लेखपाल के पास से कई दस्तावेज मिले। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं आरोपित के पक्ष में कई लेखपाल थाने में जमा हो गए और रात तक डटे रहे। वह गलत फंसाने की बात कहते रहे।

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राजपुर दमनपुर के किसान मन्ना सिंह ने खेत के पारिवारिक बंटवारे के लिए तहसील सिकंदरा में प्रार्थना पत्र दिया था। इस पर क्षेत्र के लेखपाल संजीव सचान ने किसान से संपर्क किया और काफी दिन तक मामला लटकाए रहे। आखिर में मन्ना सिंह से 20 हजार रुपये की मांग संजीव ने की और बातचीत के बाद 18 हजार रुपये में बात तय हो गई।

एंटी करप्शन लखनऊ की टीम ने किया गिरफ्तार

शनिवार दोपहर मन्ना को लेखपाल संजीव ने सिकंदरा रोड पर बुलाया। कार के अंदर पहुंचकर लेखपाल ने जैसे ही 18 हजार रुपये मन्ना से पकड़े तुरंत एंटी करप्शन लखनऊ की टीम के इंस्पेक्टर सुशील पराशर, चतुर सिंह, मृत्युंजय कुमार मिश्र व अन्य ने उसको पकड़ लिया।

आरोपित लेखपाल संजीव को अकबरपुर थाने लाया गया। उसके पास से किसान मन्ना के खेत से संबंधित कागजात बरामद हुए। डीएम कार्यालय से दो गवाह लिपिक विनोद तिवारी व उमानाथ भी थाने में मौजूद रहे। गिरफ्तार करने वाली टीम में कांस्टेबल अनिल कुमार, शिवम अवस्थी, सत्येंद्र, सुरजीत, नेहा पांडेय व प्रीतम सिंह रहे। इंस्पेक्टर सुशील ने बताया कि नोट पर केमिकल लगाया था जो लेखपाल के हाथ पर लगा। उसे जेल भेजा जाएगा। किसान ने उनसे शिकायत की थी जिस पर जाल बिछाकर लेखपाल को पकड़ा गया।

किसान मन्ना ने मामले की शिकायत पहले एसडीएम सिकंदरा शिखा संखवार से एक माह पूर्व की थी। इस पर स्पष्टीकरण आरोपित लेखपाल से मांगा गया था। इधर लेखपाल दबाव बनाए था कि काम नहीं हो पाएगा और उसकी हिम्मत बढ़ी हुई थी। इसके बाद मन्ना सिंह ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया।

शुक्रवार को टीम आ गई लेकिन लेखपाल ने काम अधिक होने की बात कह शनिवार को मिलने की बात कही इससे टीम उस दिन सफल नहीं हो पाई। इसके बाद शनिवार को किसान की लेखपाल से बात हुई तो उसने थाना समाधान दिवस के बाद मिलने को कहा। कार लेकर वह आया और किसान को बुलाया।

टीम ने मन्ना को समझा रखा था कि जैसे ही रुपये आरोपित ले वह अपने सिर पर रखे गमछे को हाथ से झटकने का इशारा करे तब टीम तुरंत आ जाएगी। इसके बाद घेराबंदी हुई और सादे कपड़ों में निश्चित जगह टीम तैनात हो गई। इसके बाद कार के अंदर जैसे ही रुपये लेखपाल संजीव ने पकड़े तो मन्ना ने सिर पर रखे गमछे को हाथ से झटक दिया, इसके बाद टीम आ गई।


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