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24 घंटे में 57.2 एमएम बारिश, तिलहन को नुकसान

24 घंटे में 57.2 एमएम बारिश तिलहन को नुकसान

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 12:03 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:07 AM (IST)
24 घंटे में 57.2 एमएम बारिश, तिलहन को नुकसान

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : दिसंबर तो किसानों के लिए बेहतर रहा था, लेकिन जनवरी में दूसरा सप्ताह खेती के लिहाज से डराने वाला साबित हो रहा है। दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से अब तिलहन, दलहन के साथ गेहूं पर भी संकट मंडराने लगा है। गेहूं के खेतों में पानी भर जाने की दशा में पौध बर्बाद होने लगी है। इन हालातों में किसानों की दिल की धड़कन बढ़ने लगी है। मौसम के यही हालात रहे तो आगे फसल के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।

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बुधवार रात से लेकर गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे का मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ा पर नजर डालें तो कुल 57.2 एमएम बारिश हो चुकी है। बुधवार पूरी रात बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार अभी और बारिश की संभावना बनी हुई है। फिलहाल एक दिन के अंदर जो बारिश हो गई वह तो पिछले एक माह में भी नहीं हुई। वैसे मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था कि दो दिन मौसम खराब रह सकता है और बारिश की संभावना है। यदि मौसम विभाग की मानें तो 17 जनवरी को भी बारिश की संभावना जताई जा रही जो किसानों के लिए भारी पड़ सकती है।

खेतों में भरा पानी

बुधवार रात से लगातार हो रही बारिश से खेतों में लबालब पानी भर गया है। ऐसे में यह बारिश गेहूं की फसल को भी नुकसान पहुंचाने लगी है। पानी की अधिकता से पौध में पीलापन आ जाएगा, बढ़ोतरी में कमी आ जाएगी। वहीं लाही, चना, सरसों, अरहर, आलू के लिए यह पानी काल के समान है। आलू की पौध में तो पहले से ही पीलापन आने लगा है।

यदि मौसम न खुला तो

अगले कुछ दिनों में तेज धूप यदि खिल जाएगी तो किसानों के लिए राहत दे सकती है, लेकिन इसी तरह यदि बारिश और हो गई तो फसल को भारी नुकसान हो सकता है।

किसानों की बात)

दरगवां निवासी कुंअर पाल, लाल सिंह का कहना है कि गेहूं में अभी हाल में पानी लगाया था। यह लगातार बारिश और नुकसान पहुंचा रही है। कटरा निवासी अनिल, तथा भोगनियापुर के यज्ञदत्त शुक्ला का कहना है कि लगातार की दिनों से मौसम की खराबी ने तिलहन और दलहन फसल को बर्बाद करके रख दिया है। जो भी फसल खराब हुई है उसके लिए सर्वे कराया जा रहा है, शासन के निर्देशानुसार इसकी रिपोर्ट जल्द तैयार करके भेजी जाएगी, किसानों को उसकी फसल की क्षतिपूर्ति शासन के नियमानुसार उपलब्ध कराई जाएगी। उप निदेशक कृषि, विनोद कुमार यादव


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