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    Yamuna River Flood: जालौन में बाढ़ से आफत में जीवन, कालपी के गांव में डूब गया सरकारी स्कूल

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Thu, 05 Aug 2021 01:58 PM (IST)

    कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में 15 से 17 सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से जलस्तर बढ़ गया है जो कालपी में 108 मीटर पार कर चुका है। इससे नदी के तटवर्ती गांवों में बाढ़ आने से ग्रामीणों को बाहर निकाला जा रहा है।

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    जालौन में यमुना नदी में बाढ़ से डूब गया स्कूल।

    जालाैन, जेएनएन। यमुना नदी का जलस्तर अब खतरे के निशान को पार कर चुका है और तटवर्ती गांवों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। आलम यह कि यमुना किनारे के गांवों को खाली कराया जा रहा है। बाढ़ में डूबे गांवों में नाव लगाकर लोगों को बाहर निकाला जा रहा है, वहीं कालपी के रामपुरा गांव का सरकारी स्कूल पूरी तरह से डूब गया है। जान बचाने को स्कूल की छत पर डेरा डाले लोगों को नाव के सहारे निकाला गया। यमुना नदी का जल चेतावनी स्तर से 32 सेमी ऊपर बह रहा है, जिससे आसपास के गांवों के लोगों दहशत छाई हैं। जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करके आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।

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    यमुना का जलस्तर रविवार की रात से दोबारा बढऩा शुरू हुआ था, जो तीन दिन के अंदर लगभग आठ मीटर ऊपर पहुंच चुका है। केंद्रीय जल आयोग के रूपेश कुमार के मुताबिक कोटा बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा है। बुधवार की शाम तक जलस्तर 108 मीटर पार कर गया था, जो 15 से 17 सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।

    स्कूल और मंदिर डूबे

    यमुना किनारे तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से स्कूल और मंदिर भी डूब गए हैं। कालपी के किलाघाट के कपिलेश्वर मंदिर के नीचे बाढ़ का पानी आ गया है। पीलाघाट, बाईघाट व ढोड़ेश्वर घाट पूरी तरह डूब चुके हैं। व्यास मंदिर तीन ओर से बाढ़ में घिर गया है और नवनिर्मित जौधर पुल के आसपास भी पानी आ गया है। रायढ़ नाला पर बने रपटे के ऊपर से बाढ़ का पानी बह रहा है, जिससे रायढ़, गुलौली, सुरौली आदि गांवों का रास्ता बंद हो गया है।

    इन गांवों में घुसा पानी

    यमुना में आई बाढ़ से महेबा ब्लाक के जीतामऊ से लेकर कदौरा के इकौना तक लगभग 80 किमी के दायरे में यमुना पट्टी के गांव बाढ़ की चपेट में हैं। मदारपुर, हीरापुर, देवकली, गुढ़ा, मैनूपुर, मंगरौल, पडऱी, नरहान, उरकरा, दहेलखंड, सिकन्ना, पाल, ईगुई आदि गांवों तक पानी आ गया है। उरकरा गांव में पानी गांव के काफी नजदीक है। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन व एडीएम पूनम निगम लगातार यमुना पट्टी के गांवों कर निरीक्षण करके लोगों से नदी की ओर न जाने की बात कही है।

    चौकियों पर तैनात किए अधिकारी : बाढ़ राहत चौकियों पर लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, आंगनबाड़ी, प्रधान तैनात कर दिया गया है। राहत शिविर कालपी व कदौरा में बनाया जाएगा। प्रशासन अलर्ट पर है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार उपजिलाधिकारी कौशल कुमार, तहसीलदार बलराम गुप्ता दौरा कर रहे हैं और लोगों को सचेत रहने की बात कर रहे हैं।

    सात बाढ़ राहत चौकियां बनाईं : एमएसवी इंटर कालेज, जीतामऊ में पंचायत भवन, सिमरा शेखपुर में पंचायत भवन, महेबा में विकासखंड कार्यालय, कदौरा ब्लाख के इकौना में प्राथमिक विद्यालय, चतेला में जूनियर हाईस्कूल, परासन में जूनियर हाईस्कूल।

    इस तरह बढ़ा यमुना का जलस्तर

    रविवार - 100.78 मीटर

    सोमवार - 102.40 मीटर

    मंगलवार - 103.75 मीटर

    बुधवार - 108.68 मीटर

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