महिला शक्ति केंद्र में जागृत होगी 'शक्ति'
शोषण और अत्याचार के खिलाफ लड़ने को करेंगे तैयार, महिला एवं बाल विकास संबंधित अन्य विभाग होंगे शामिल
जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रधानमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना के तहत महिलाओं को जागरूक और साक्षर बनाने के लिए शहर में महिला शक्ति केंद्र खोला जाएगा। यहां महिलाएं साक्षर बनने के साथ-साथ शोषण और अत्याचार के खिलाफ लड़ना भी सीखेंगी। महिला एवं बाल विकास से जुड़े सभी विभागों को इससे जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं। नगर और ब्लाक स्तर पर केंद्र खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, लिंगानुपात, साक्षरता दर और स्कूल छोड़ने वाली बच्चियों को दोबारा स्कूल में दाखिला दिलाने जैसे कार्य इस केंद्र के माध्यम से होंगे।
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रोजगार के लिए भी करेंगे तैयार
केंद्र में महिलाओं को शिक्षित करने के साथ ही उनके अधिकारों और डिजिटल साक्षर करने की व्यवस्था होगी। स्वास्थ्य और महिलाओं के पोषण पर भी काम होगा। जिला स्तर पर जिलाधिकारी और ब्लॉक स्तर पर एसडीएम को कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाएगा। आंकड़ों के मुताबिक नगर के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 1.30 लाख से ज्यादा महिलाएं निरक्षर हैं जिसके चलते उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी भी नहीं है। केंद्र में महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा।
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आंगनबाड़ी और आशा ज्योति केंद्र भी जुड़ेंगे
महिला सशक्तीकरण का दायरा हर घर की दहलीज तक पहुंचे इसके लिए आंगनबाड़ी और आशा ज्योति केंद्रों को भी जोड़ा जाएगा। एनसीसी और राष्ट्रीय सेवा योजना के सदस्यों को भी भागीदार बनाने पर काम चल रहा है। स्वरोजगार के लिए महिलाओं का स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा।
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एक नजर में
-70 जिलों को महिला सशक्तीकरण योजना में शामिल किया गया है
-115 जिलों में महिलाओं की स्थिति ठीक नहीं है
-640 जिलों में शुरू किए जाएंगे महिला शक्ति केंद्र
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महिलाओं को साक्षर बनाने, उनके स्वास्थ्य और पोषण के साथ अधिकारों का ज्ञान कराने के लिए महिला शक्ति केंद्र खोले जाएंगे। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
-अभिषेक कुमार पांडेय, जिला प्रोबेशन अधिकारी