Mining In Ganga: छलनी हो रही गंगा की गोद, बाहरी नजरों से बचाने के लिए बंदूकधारी देते हैं पहरा
बिना चिह्नांकन गंगा की गोद तक बेरोक-टोक खनन किया जा रहा है सीसीटीवी कैमरे बंद करके ट्रक-डंपर पास कराए जा रहे हैं। इसके बावजूद विभागीय जिम्मेदार गंगा नदी में हो रहे खनन की निगरानी करने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। गंगा में बालू खनन के नाम पर खूब खेल हो रहा है। रानी घाट पर करीब 22 हेक्टेयर क्षेत्रफल का पट्टा दिया गया है, लेकिन पट्टे की शर्तों के तहत न तो वहां से बालू लेकर निकलने वाले सभी वाहनों की तौल हो रही है और न ही रवन्ना लेकर सभी वाहन निकल रहे हैं। स्थिति ये है कि निर्धारित क्षेत्र के बाहर भी खनन हो रहा है। यहां कोई भी बाहरी व्यक्ति अगर चाहे भी तो नहीं जा सकता है। वजह, धर्मकांटा के पास ही बंदूकधारियों का पहरा है।
खनन में हो रहे खेल की शिकायतें लगातार खनन विभाग को भी मिल रही हैं, लेकिन अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। खनन के लिए जितने क्षेत्रफल का पट्टा दिया जाता है, उसकी बाकायदा मार्किंग की जाती है। निर्धारित क्षेत्रफल के अंदर खनन का कार्य होता है। जिला खनन अधिकारी या खनन इंस्पेक्टर की यह जिम्मेदारी है कि मौके पर जाकर वे यह सुनिश्चित करें कि तय क्षेत्र के बाहर खनन न हो, लेकिन यहां मौका मुआयना करने की फुर्सत अफसरों को नहीं है। ऐसे में खुद के लिए तय क्षेत्र में खनन तो किया ही जा रहा है, उसके बाहर भी ऐसे ही हालात हैं।
प्रत्येक खनन स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं और धर्मकांटा भी लगाने का आदेश है। नियम के तहत ये दोनों कार्य किए गए हैं। एक प्रशासनिक अफसर के मुताबिक, शिकायत आई है कि कई बार कैमरे बंद कर बिना तौल और रवन्ना के ही डंपर और ट्रक निकाल दिए जा रहे हैं। तौल होगी तो रवन्ना भी देना पड़ेगा। डीएम आलोक तिवारी ने आदेश किया है कि बालू लदे वाहन बिना ढके नहीं जाएंगे, लेकिन इस आदेश का भी उल्लंघन हो रहा है। लखनऊ की ओर जाने वाले ट्रकों पर तो तिरपाल रहती है, लेकिन शहर की ओर आने वाले ट्रक खुले ही आ रहे हैं। बालू उड़ से प्रदूषण भी हो रहा है। यह बात सभी अफसरों को भी पता है, लेकिन पट्टाधारक पर कार्रवाई से कतरा रहे हैं।
- -खनन स्थल पर कैमरे तो लगे हैं और धर्मकांटा भी है। अभी मौके पर किसी तरह की कोई जांच नहीं हुई है। मौका मुआयना करेंगे। अगर नियम का उल्लंघन कहीं हो रहा होगा तो कार्रवाई की जाएगी। - अजय कुमार यादव, जिला खनन अधिकारी।