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अब बिना तारों के पहाड़ों में भी पहुंचेगी रोशनी, जानें कैसे

आइआइटी कानपुर ने बनाई 500 वाट की पवन चक्की, धीमी हवा में भी करेगी विद्युत उत्पादन

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 11:02 AM (IST)Updated: Fri, 02 Feb 2018 04:02 PM (IST)
अब बिना तारों के पहाड़ों में भी पहुंचेगी रोशनी, जानें कैसे
अब बिना तारों के पहाड़ों में भी पहुंचेगी रोशनी, जानें कैसे

कानपुर (विक्सन सिक्रोड़िया)। जिन पहाड़ी क्षेत्रों में बिजली के तार नहीं पहुंचे हैं, अब वह भी रात में रोशन होंगे। वहां पर चलने वाली हवाओं से बिजली बनाए जाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर ने पवन चक्की बनाई है। यह पवन चक्की इतनी छोटी है कि घर की छत पर लगाया जा सकता है।

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एयरोस्पेस इंजीनिर्यंरग के असिस्टेंट प्रोफेसर अभिषेक ने अपनी टीम के साथ 500 वाट की बिजली उत्पन्न करने वाली पवन चक्की बनाई है। आइआइटी के विंड टनल में इसका परीक्षण किया गया, जिसके सफल पाए जाने के बाद नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट कमीशन से इस तकनीक को गांव-गांव पहुंचाने पर वार्ता चल रही है। भविष्य में इस तकनीक पर बनाई जाने वाली पवन चक्की से दो किलोवाट तक की बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।

वर्टिकल एक्सिस टरबाइन के माडल का परीक्षण करने के दौरान यह पाया गया कि यह धीमी हवा में भी चल सकती है, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में हवा की रफ्तार 14 मीटर प्रति सेकेंड रहती है, जो इसके लिए पर्याप्त है।

मिलेगी बिजली, बैटरी भी होगी चार्ज

हवा न चलने की सूरत में भी यह पवन चक्की बिजली देगी क्योंकि इसका डिजाइन ऐसे तैयार किया गया है कि यह धीमी हवा में भी बिजली की सप्लाई करने के साथ बैटरी चार्ज कर सकती है। असिस्टेंट प्रोफेसर अभिषेक ने बताया, पांच किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी यह काम करेगी। इसके बीच में एक रॉड लगाई गई है। यह रॉड पवन चक्की के चलने पर घूमती है। इसको डीसी जेनरेटर से जोड़ा गया है।

पवन चक्की में लगा यह उपकरण हवा की गतिज ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलेगा। इसके बाद जेनरेटर इस यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देगा। पांच सौ वाट की पवन चक्की 25 हजार रुपये में लगाई जा सकेगी। इसे घर-घर तक पहुंचने में साल भर तक का समय लगने की संभावना है। 


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