'वीना' के तार में बयारों का तरन्नुम
2001 में दिवंगत पर्यावरण प्रेमी पति की याद में प्रति वर्ष 10 पौधरोपण, परिवार से हुई शुरुआत, अब पड़ोसी भी पूर्वज के नाम लगा रहे पौधे
राहुल शुक्ल, कानपुर : 'दिल बहल तो जाएगा इस ख्याल से, हाल मिल गया तुम्हारा अपने हाल से। रात ये करार की बेकरार है, तुम्हारा..इंतजार है। तुम..पुकार लो.., तुम्हारा..इंतजार है।' 'खामोशी' फिल्म (1969) में हेमंत कुमार द्वारा गाए इस गाने के तरन्नुम का तार हम 'वीना' से जोड़ सकते हैं। वह वीना जो अपने दिवंगत पति की स्मृतियों को स्वपोषित पेड़ों की बयार से महसूस करती हैं। स्वरोपित हरे-भरे पौधों की रवानगी में देखती हैं। जी हां,बात हो रही है न्यू सिविल लाइंस में रहने वाली वीना मेहरोत्रा की। पर्यावरण प्रेमी पति की याद में अपने आसपास उन्होंने दस छायादार पेड़ लगाने की ठानी। 2001 से अभी तक उन्होंने दर्जनों छायादार पौधे लगाए जो आज पेड़ के रूप में बसंती बयार का आनंद दे रहे हैं। पर्यावरण की सुरक्षा में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं। वीना के इस कार्य को उनकी बेटी वनिता भी आगे बढ़ा रही हैं। यही नहीं, मां-बेटी के इस जुनून में आसपास के लोग भी शामिल हो गए हैं। ..और हों भी क्यों न? वीना व वनिता की भांति उन्हें भी तो 'अपनों' की स्मृतियों को अपने मानस पटल पर जिंदा रखने की ख्वाहिश है।
न्यू सिविल लाइंस निवासी कपिल नारायन मेहरोत्रा जितना अपने पूर्वजों से प्यार करते थे, उतना ही उन्हें पेड़ों से प्रेम था। पूर्वजों की यादों को संजोने के लिए उन्होंने पेड़ों को जरिया बनाया। न्यू सिविल लाइंस और इसके आसपास के क्षेत्रों में उन्होंने पौधे लगाना शुरू किया। वक्त के साथ पौधे पेड़ बनने लगे। इसी बीच 2001 में उनकी मृत्यु हो गई। पति के इस अभियान को वीना ने अपनी जिदंगी का हिस्सा बना लिया। पति की याद में वे प्रतिवर्ष दस पौधे लगाने लगीं। अपने इस काम से उन्होंने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को भी प्रेरणा दी और उन्हें भी जोड़ लिया। अब क्षेत्रीय लोग भी अपने पूर्वजों की याद में पौधे लगाते हैं।
बच्चों के जन्मदिन पर पौधरोपण संग जश्न
क्षेत्रीय लोग बच्चों के जन्मदिन पर केक काटने के साथ ही पौधा लगाते हैं, मिठाई वितरित करते हैं। परिणामस्वरूप यह क्षेत्र हरा-भरा हो रहा है। वीना के इस काम को उनकी बेटी वनिता मेहरोत्रा भी आगे बढ़ा रही हैं। अर्चना त्रिपाठी, मनोरमा वर्मा, स्नेहलता त्रिपाठी, सुष्मिता वाजपेयी, नीतू सक्सेना भी अभियान से जुड़ गई हैं। न्यू सिविल लाइंस से शुरू हुआ यह अभियान दूसरे क्षेत्रों में भी पहुंच रहा है। वीना मिलने वालों को कम से कम एक पौधा हर साल लगाने को जागरूक करती हैं। संकल्प है कि पूरे शहर में लोगों को इससे जोड़कर कानपुर को भी हरा-भरा बना दिया जाए।