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Lok Sabha Election: चुनावी रण में अपने ही पतियों के खिलाफ क्यों उतरी पत्नियां, समझें राजनीति का नया ट्रेंड

Lok Sabha Election 2024 पति के खिलाफ पत्नी का चुनाव मैदान में खड़ा होना चर्चा का विषय बना हुआ है। दलीय प्रत्याशियों द्वारा खुद नामांकन करने के साथ ही पत्नी से भी चुनाव में नामांकन कराने का ट्रेंड चल पड़ा है। अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद देवेंद्र सिंह भोले के साथ ही उनकी पत्नी प्रेमशीला ने भी निर्दलीय नामांकन कराया है।

By Aysha Sheikh Edited By: Aysha Sheikh Published: Sat, 27 Apr 2024 11:24 AM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2024 11:24 AM (IST)
Lok Sabha Election: चुनावी रण में अपने ही पतियों के खिलाफ क्यों उतरी पत्नियां, समझें राजनीति का नया ट्रेंड

जागरण टीम, कानपुर। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की छह संसदीय सीटों (कानपुर नगर, अकबरपुर, उन्नाव, कन्नौज, इटावा और फर्रुखाबाद) में प्रत्याशियों की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यहां कुल 117 प्रत्याशियों ने नामांकन कराए। इनमें से कुछ के नामांकन खारिज हुए तो कुछ ने नाम वापस ले लिया। दिलचस्प बात यह है कि इस चुनावी रण में कई सीटें ऐसी हैं जहां प्रत्याशियों की पत्नी ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया है।

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राजनीतिक विश्लेषक इसे प्रत्याशियों की चुनावी रणनीति का हिस्सा मानते हैं। दरअसल, प्रत्याशियों को लग रहा है कि यदि चुनाव में कोई आपात स्थिति आई तो अर्धांगिनी ही उनका सहारा बनेगी। किसी भी कारण से प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया तो पत्नी उनकी जगह चुनाव लड़ेगी, नहीं तो डमी कंडीडेट रहेगी। साथ ही पत्नी के नाम से जुटाए गए संसाधनों को अपने चुनाव में इस्तेमाल भी किया जा सकेगा।

हालांकि, इस पूरे मामले की रणनीति कुछ भी हो लेकिन पति के खिलाफ पत्नी का चुनाव मैदान में खड़ा होना चर्चा का विषय बना हुआ है। दलीय प्रत्याशियों द्वारा खुद नामांकन करने के साथ ही पत्नी से भी चुनाव में नामांकन कराने का ट्रेंड चल पड़ा है। अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद देवेंद्र सिंह भोले के साथ ही उनकी पत्नी प्रेमशीला ने भी निर्दलीय नामांकन कराया है।

इसी तरह अखिलेश यादव के मैदान में उतरने से रोचक हुए कन्नौज के रण में भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक के सामने उनकी पत्नी नेहा पाठक होंगी। उन्होंने भी निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया है। यहीं से निर्दलीय उम्मीदवार राजेश सिंह चौहान की पत्नी राधा चौहान ने भी निर्दलीय नामांकन कराया है। इसके अलावा, इटावा में भाजपा प्रत्याशी प्रो. रामशंकर कठेरिया की पत्नी मृदुला कठेरिया ने भी पर्चा दाखिल किया था। हालांकि, उनका नामांकन पत्र खारिज हो गया है।

नामाराशि वाले प्रत्याशियों की भी होड़

नामांकन के दौरान सियासी हथकंडेबाजी भी खूब देखने को मिल रही है। कानपुर से इंडी गठबंधन के प्रत्याशी आलोक मिश्र और अकबरपुर से प्रत्याशी राजाराम पाल के नामाराशि आलोक मिश्र व राजाराम के साथ ही गुरुवार को कानपुर से रमेश चंद्र अवस्थी नामक व्यक्ति ने निर्दलीय नामांकन कराया है। हालांकि, निर्दलीय प्रत्याशी रमेश चंद्र अवस्थी का नामांकन खारिज हो गया। राजनीतिक हलकों में इसे वोट काटने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।


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