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Weather Update Kanpur: इस सप्ताह हो सकती है बूंदाबांदी, शीत लहर बढ़ाएगी ठंड, जानिए कैसा रहेगा मौसम का मिजाज

इस सप्ताह जिला स्तर पर आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाए रहने के कारण तीन से चार दिसंबर को हल्की वर्षा व बूंदाबांदी होने की संभावना है। उत्तर पूर्वी हवाओ के कारण हवा में नमी की मात्रा ज्यादा होने के कारण धुंध प्रतीत हो रही है।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 10:16 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 10:16 AM (IST)
Weather Update Kanpur: इस सप्ताह हो सकती है बूंदाबांदी, शीत लहर बढ़ाएगी ठंड, जानिए कैसा रहेगा मौसम का मिजाज
बादलों ने रात का तापमान बढ़ा दिया है। प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। आसमान पर छाए मध्यम से गहरे बादलों के कारण रात का तापमान फिर बढऩे लगा है। साथ ही बूंदाबांदी होने की संभावना जताई जा रही है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 15.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। बादलों के कारण आसमान पर धुंध भी छाई रही।

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सीएसए विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ एस एन सुनील पांडेय के मुताबिक इस सप्ताह जिला स्तर पर आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाए रहने के कारण तीन से चार दिसंबर को हल्की वर्षा व बूंदाबांदी होने की संभावना है। उत्तर पूर्वी हवाओ के कारण हवा में नमी की मात्रा ज्यादा होने के कारण धुंध प्रतीत हो रही है। आने वाले वक्त में यह कोहरे में भी तब्दील हो सकती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वह गेहूँ, चना, सरसों, अलसी एवं सब्जियों आदि की बुवाई का कार्य पांच दिसंबर के बाद करें। 

देश भर में बना मौसमी सिस्टम

डॉ सुनील पाण्डेय ने बताया की अंडमान सागर के मध्य भाग के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र है और संबंधित चक्रवाती परिसंचरण मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैल रहा है। इसके पश्चिम उत्तर-पश्चिम की ओर बढऩे और एक डिप्रेशन में केंद्रित होने की संभावना है। 24 घंटों के दौरान बंगाल की मध्य खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात में और तेज हो सकता है। साथ ही दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। 

पश्चिमी विक्षोभ के कारण शीतलहर की आशंका

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण तेज बारिश होती है। इसका सीधा असर फसल पर पड़ता है। इसके साथ भूस्खलन, बाढ़ व हिमस्खलन की स्थिति बन सकती है। वहीं, गंगा के मैदानी इलाकों में इसकी वजह से शीत लहर आ सकती है और घना कोहरा पड़ सकता है।


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