फ्लैश बैक : आपातकाल ने किया था कानपुर के मतदाताओं को सर्वाधिक जागरूक
1977 के चुनाव में कानपुर सीट पर पड़े थे 58.37 फीसद वोट आज तक नहीं टूट पाया है ये रिकार्ड।
कानपुर, जागरण संवाददाता। हर चुनाव में ज्यादा से ज्यादा वोट डलवाने के लिए तमाम अभियान चलते हैं। प्रशासन प्रयास करता है तो सामाजिक संगठन भी इसके लिए कार्यक्रम और अपील करते हैं। मगर, कानपुर संसदीय सीट पर आज तक का सबसे ज्यादा मतदान आपातकाल के बाद वर्ष 1977 के चुनाव में हुआ था। उस चुनाव में 58.37 फीसद वोट पड़े थे जो पिछले चुनाव के मतदान से 10 फीसद से ज्यादा थे। इतने वोट न तो उससे पहले कभी पड़े और न उसके बाद आज तक।
आजादी के बाद से पहले चुनाव में कानपुर में दो लोकसभा सीटें थीं। एक पर 34.60 और दूसरी पर 35.07 फीसद वोट पड़े। हालांकि वर्ष 1952 में ही उप चुनाव भी हो गया था। कानपुर सीट पर बहुत कम वोट प्रतिशत रहा है। आपातकाल लगने तक मात्र एक बार वर्ष 1962 के चुनाव में 50 फीसद से ज्यादा वोट पड़े थे। आपातकाल लगने के दो वर्ष बाद लोकसभा चुनाव हुए।
इन दो वर्ष ने कानपुर के मतदाताओं को वोट के प्रति सबसे ज्यादा जागरूक किया। चुनाव में वोट के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी थीं। मतदाताओं में इतना जोश था कि आजादी के बाद पहली बार केंद्र में कांग्र्रेस की सरकार नहीं बची। अगले दो चुनाव में भी 50 फीसद वोट का आंकड़ा पार हुआ लेकिन, उसके बाद वोट प्रतिशत गिर गया। अभी सबसे अंत में वर्ष 2014 के चुनाव में वोट प्रतिशत 50 का कांटा पार कर सका।
उप चुनाव में सबसे कम मतदान
कानपुर संसदीय सीट पर एक बार ही उप चुनाव हुआ। वर्ष 1952 में हुए उप चुनाव में मात्र 28.94 फीसद वोट पड़े थे।
अलग-अलग चुनाव में मतदान फीसद
1952 34.60
1952 35.07
1952 (उप चुनाव) 28.94
1957 42.28
1962 56.05
1967 48.27
1971 48.27
1977 58.37
1980 50.74
1984 55.94
1989 40.57
1991 37.71
1996 41.53
1998 48.52
1999 44.83
2004 43.35
2009 36.90
2014 51.83