Bikru news: विकास दुबे की शास्त्रीनगर की संपत्ति पर फंसा पेच, खरीदने के दो वर्ष बाद ही बेच दी थी
बिकरू कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे ने शास्त्री नगर में 2010 में पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदी थी। लेकिन अब सामने आया है कि विकास ने यह संपत्ति खरीदने के दो साल बाद ही बेच दी थी। जिसके बाद संपत्ति को जब्त करने में पेच फंस गया है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। बिकरू कांड के बाद गैंगस्टर विकास दुबे की संपत्तियों को सीज करने की कार्रवाई चल रही है। अब तक उसकी चौबेपुर, बिकरू और कल्याणपुर की 12 संपत्तियों को सीज किया जा चुका है जबकि शास्त्रीनगर के एक प्लाट पर पेच फंस गया। अरसल पुलिस ने इस संपत्ति को भी अपनी सूची में शामिल कर लिया जबकि यह संपत्ति 2012 में बेची जा चुकी है। गौरतलब हो कि बिकरू में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई।विकास भी एनकाउंटर में मारा जा चुका है।इसके बाद से ही उसकी सभी संपत्तियों को सीज करने की कार्रवाई चल रही है।
विकास दुबे पर गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद उसकी 27 संपत्तियों को चिंहित किया गया था जिसमें बिकरू, चौबेपुर, कल्याणपुर, शास्त्री नगर के साथ लखनऊ और कानपुर देहात में यह संपत्तियां हैं।जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सात मई 2022 को उसकी सभी संपत्तियों को सीज करने के आदेश थे।इन संपत्तियों पर बिल्हौर तहसीलदार लक्ष्मीकांत बाजपेयी को रिसीवर नियुक्त किया गया था।
25 मई को तहसीलदार ने इन संपत्तियों पर सील की कार्रवाई शुरू की लेकिन वह शास्त्री नगर की एक संपत्ति पर आकर रुक गए। दरअसल विकास ने हरिहरनाथ शास्त्री नगर में पत्नी रिचा दुबे के नाम पर 185.61 वर्गमीटर प्लाट वर्ष 2010 में खरीदा था जिसे दो वर्ष बाद 2012 में बेच दिया था।वर्तमान में यहां होजरी फैक्ट्री चल रही है जिसका मालिक चुन्नीलाल नाम का व्यक्ति है।यह तथ्य सामने आने के बाद प्रशासन का अभियान यहां आकर रुक गया हालांकि अधिकारी उक्त संपत्ति को भी सीज करने की तैयारी कर रहे हैं। बहरहाल बिल्हौर तहसीलदार लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने बताया कि फैक्ट्री संचालक से दस्तावेज मांगे गए हैं।दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।