Vikas Dubey News: घटना के बाद दो दिन तक शिवली में छिपा रहा था विकास, सवालों के घेरे में कानपुर पुलिस
Vikas Dubey Arrested Kanpur News फरीदाबाद पुलिस के राजफाश करने से सवाल उठने लगे हैं खाकी और खादी की मदद को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर, जेएनएन। बिकरू में सीओ समेत नौ पुलिसकर्मियों की हत्या की वारदात के बाद से फरार मोस्टवांटेड पांच लाख के इनामी विकास दुबे की गिरफ्तार उज्जैन में होने के बाद यह सवाल हर जेहन में है कि आखिर वो बीते सात दिनों तक कहां-कहां रहा। फिलहाल फरीदाबाद में पकड़े गए उसके साथी प्रभात ने जानकारी दी थी कि घटना के बाद दो दिन वह गांव से महज पांच किलोमीटर दूर शिवली में छिपा रहा था। इस जानकारी के बाद एक बार फिर कानपुर पुलिस की फजीहत हुई है। ऐसे में अब घटना के बाद पुलिस की सर्चिंग पर सवाल उठना लाजिमी है।
हरियाणा की फरीदाबाद पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के तीन गुर्गों को गिरफ्तार किया है। विकास के खास गुर्गे कार्तिकेय उर्फ प्रभात ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे दो दिन तक शिवली में ही छिपा रहा। बाद में वह मौका पाकर फरादीबाद आ गया और अपनी भाभी की मौसी के घर पर पनाह ली। पुलिस की दबिश बढ़ती देख वह यहां से भी फरार हो गया।
अब सवाल उठ रहा है कि आखिर विकास को शिवली में किसने पनाह दी। शिवली में विकास का बहनोई बिनेश त्रिपाठी रहता है। बिनेश के घर पुलिस ने छापा मारा था लेकिन वह मिला नहीं था। सूत्रों के मुताबिक शिवली में विकास के दर्जन भर खास गुर्गे रहते हैं। इनमें से ही किसी के घर में उसने पनाह ली। हालांकि फरीदाबाद पुलिस ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि प्रभात ने पुलिस को किसका नाम बताया है। लेकिन, जिस तरह पुलिस की घेराबंदी को धता बताकर विकास दो दिन रुककर फरार हुआ, उससे पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। सवाल यह भी है कि उसे सुरक्षित निकलवाने में किसका हाथ था। आइजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि प्रभात को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। जिसने भी पनाह दिया है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।