Move to Jagran APP

Vikas Dubey News: बिकरू कांड में बड़ा खुलासा, पुलिसकर्मियों पर दागे गए थे अमेरिकन विंचेस्टर कारतूस

पुलिस के लिए बड़ा सवाल खड़ हो गया है कि विदेश में प्रचलित कारतूस का इस्तेमाल सेना या पुलिस भी नहीं करती है वो विकास गैंग के पास कहां से आए थे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 10:17 AM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 10:17 AM (IST)
Vikas Dubey News: बिकरू कांड में बड़ा खुलासा, पुलिसकर्मियों पर दागे गए थे अमेरिकन विंचेस्टर कारतूस
Vikas Dubey News: बिकरू कांड में बड़ा खुलासा, पुलिसकर्मियों पर दागे गए थे अमेरिकन विंचेस्टर कारतूस

कानपुर, गौरव दीक्षित। बिकरू में दो जुलाई की रात सीओ समेत आठ पुलिस वालों की हत्या के मामले में एक के बाद एक नए तथ्य सामने आ रहे हैं। फॉरेंसिक जांच में अब यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि विकास दुबे गिरोह के पास मौजूद हथियारों के जखीरे में खतरनाक .30-06 विंचेस्टर कारतूस भी थे। दो जुलाई को पुलिसकर्मियों पर गिरोह ने इन कारतूसों का इस्तेमाल किया था। विंचेस्टर कारतूस का प्रयोग भारत में नहीं किया जाता है। यह अमेरिकन सेना का हथियार रहा है। पुलिस जांच में जुटी है कि आखिर यह खतरनाक कारतूस गैंगस्टर विकास दुबे तक कैसे पहुंचा।

loksabha election banner

.30-06 विंचेस्टर कारतूस का इतिहास

अमेरिकन सेना ने वर्ष 1906 में ईजाद किया था।

वर्ष 1970 तक अमेरिकन सेना प्रयोग करती रही।

अभी भी अमेरिकन और नाटो की सेनाएं इसके उच्चीकृत कारतूस का प्रयोग करती हैं।

इन रायफलों में होता है प्रयोग

स्प्रिंग फील्ड रायफल, इनफील्ड रायफल, सेमी ऑटोमेटिक एम-1 ग्रारनेड रायफल, सेमी आटोमेटिक जानसन रायफल, फैमेज माउजर और विभिन्न प्रकार की मशीनगन में इन कारतूसों का प्रयोग किया जा सकता है।

स्टील की नोक बनाती खतरनाक

रायफल में प्रयोग में आने वाले अन्य कारतूस आमतौर पर पीतल व तांबे के बने होते हैं। .30-06 विंचेस्टर कारतूस की बॉडी व नोक स्टील की होती है। नोक बेहद सख्त होती है। बिकरू में गोपाल सैनी के भाई के लोहे के दरवाजे में जो कारतूस आरपार हुआ वह .30-06 विंचेस्टर कारतूस बताया जा रहा है।

भारतीय सेना और पुलिस भी नहीं करती विंचेस्टर कारतूस का इस्तेमाल

पुलिसकर्मियों की हत्या के दूसरे दिन फॉरेंसिक टीम और पुलिस ने दूसरे दिन बिकरू गांव पहुंचकर मौके से 72 जिंदा व खाली कारतूस बरामद किए थे। इनमें से एक जिंदा कारतूस और दस खाली खोखे .30-06 विंचेस्टर कारतूस के थे। भारत में सेना, किसी भी राज्य की पुलिस या शस्त्र लाइसेंस धारक इसका प्रयोग नहीं करते हैं। इसका प्रयोग पहले अमेरिकन सेना करती थी। बाद में यूरोप और अमेरिका में निशानेबाजी के लिए किया जाने लगा। आइजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि विंचेस्टर कारतूस मिलने की जानकारी फॉरेंसिक टीम ने दी है। ये कारतूस भारत में प्रयोग नहीं किए जाते हैं। ये विकास दुबे तक कैसे पहुंचे, इसकी जांच कराई जाएगी।

बिकरू कांड में इनका भी हुआ प्रयोग

बिकरू कांड में बरामद कारतूसों में एके-47 के नौ, नाइन एमएम के एक कारतूस के अलावा, .30-06 एसपीआरजी के 11 खोखे बरामद हुए हैं। 12 खोखे भरे गए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.