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Vikas Dubey Latest News: बिकरू के बाद एसआइटी ने शिवली थाने में देखीं मुकदमों की फाइलें, पीड़ित पक्ष से की पूछताछ

मोस्टवांटेड विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने पूरी घटना के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 12:45 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 02:16 PM (IST)
Vikas Dubey Latest News: बिकरू के बाद एसआइटी ने शिवली थाने में देखीं मुकदमों की फाइलें, पीड़ित पक्ष से की पूछताछ
Vikas Dubey Latest News: बिकरू के बाद एसआइटी ने शिवली थाने में देखीं मुकदमों की फाइलें, पीड़ित पक्ष से की पूछताछ

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड को लेकर शासन से गठित एसअाइटी के अधिकारी रविवार पूर्वाह्न बारिश के बीच गांव पहुंच गए और छानबीन की। यहां से एसआइटी अब शिवली थाने पहुंच गई है, जहां पर विकास के खिलाफ दर्ज हुए पूर्व राज्यमंत्री की हत्या समेत अन्य मुकदमों के बारे में पड़ताल कर रही है। बिकरू गांव में विकास दुबे का घर का मुआयना करने के बाद अफसरों ने गांव वालों से अलग अलग पूछताछ की। आईपीएस जे रविंद्र ने घटना से जुड़े हर बिंदु की गहन पड़ताल करने के साथ ही सीओ के मारे जाने वाले स्थल और पांच सिपाही के मारे जाने वाली जगह का बारीकी से निरीक्षण किया। 

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शिवली थाने में भी एसआइटी ने की पड़ताल

बिकरू गांव में सघन पड़ताल के बाद एसआइटी को लीड कर रहे अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने कानपुर देहात के शिवली थाने पहुंची। उन्होंने शिवली थाने में भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड समेत विकास के खिलाफ दर्ज मुकदमों की फाइलों की जांच की। इसके साथ ही सिद्धश्वर पांडेय हत्याकांड में गवाह रहे व्यक्ति से पूछताछ की। इसके बाद बमबाजी कांड में पीड़ित पक्ष लल्लन बाजपेयी से जानकारी ली और उनसे पूर्व मंत्री के हत्याकांड के बारे में भी पूछा। दोपहर करीब पौने दो बजे टीम वापस बिकरू के लिए रवाना हो गई।

टीम के साथ डीएम और एसएसपी भी पहुंचे

एसआइटी में शामिल आईपीएस हरिराम शर्मा के साथ डीएम डॉ. ब्रह्मदेव तिवारी और एसएसपी दिनेश कुमार पी ने भी करीब एक घंटे तक गांव में घूमकर पड़ताल और लोगों से बातचीत की है। एसआईटी टीम थाने के निलंबित दरोगा और सिपाही से भी पूछताछ करेगी। माना यह भी जा रहा है कि एसआइटी घटना के दूसरे दिन दो अभियुक्तों के एनकाउंटर वाले स्थल पर भी जाकर जांच कर सकती है। 

एसआईटी को 31 जुलाई तक देनी है रिपोर्ट

शासन द्वारा कानपुर कांड की जांच के लिए गठित एसआइटी (विशेष जांच दल) की अध्यक्षता कर रहे अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी और टीम के सदस्य एडीजी हरिराम शर्मा व डीआइजी जे रवींद्र गौड को 31 जुलाई तक रिपोर्ट देनी है। घटना से जुड़े कई बिंदुओं पर एसआइटी सिलसिलेवार पड़ताल करने के लिए सबसे पहले बिकरू गांव आई है।

एसआइटी विकास दुबे के विरुद्ध चल रहे सभी मुकदमों में अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा करने के साथ जांच करेगी कि क्या इन मुकदमों में विकास व उसके साथियों को सजा दिलाने के लिए की गई कार्रवाई पर्याप्त थी। एसआइटी इस बात की भी जांच करेगी कि विकास दुबे के खिलाफ 13 मार्च 2020 को चौबेपुर थाने में वसूली, मारपीट व जान से मारने की धमकी देेने समेत अन्य धाराओं में दर्ज कराए गए मुकदमे में उसकी जमानत निरस्त कराने की कार्रवाई आखिर क्यों नहीं की गई। 

इन बिंदुओं पर भी हो सकती जांच 

  • -विकास दुबे के विरुद्ध कितनी जन-शिकायतें आईं और थानाध्यक्ष तथा अन्य अधिकारियों ने उनमें क्या जांच की और क्या तथ्य पाए और क्या कार्रवाई की।
  • -विकास दुबे व उसके गिरोह के सदस्यों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, एनएसए व अन्य किन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई और इन मामलों में की गई कार्रवाई में किस स्तर पर लापरवाही बरती गई।
  • -विकास दुबे व उसके साथियों की एक साल की सीडीआर (कॉल डिटेल रिकार्ड) का भी परीक्षण होगा। विकास व उसके साथियों के संपर्क में आए पुलिसकर्मियों के विरुद्ध उनसे संलिप्तता के साक्ष्य तलाशे जाएंगे।
  • -आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के दिन विकास व उसके साथियों के पास मौजूद हथियारों के सूचना संकलन में किस स्तर पर लापरवाही हुई।
  • -विकास दुबे व उसके साथियों के नाम कितने शस्त्र लाइसेंस और शस्त्र हैं। उनके शस्त्र लाइसेंस की संस्तुति किस स्तर से की गई और किन कारणों से लाइसेंस निरस्त नहीं किए गए। इसमें किनकी भूमिका रही।
  • -विकास दुबे व गिरोह की अपराध से जुटाई गई संपत्तियों कितनी हैं। काली कमाई से किए जा रहे कारोबार व आर्थिक गतिविधियों का परीक्षण करने के साथ इसमें पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की भूमिका व संलिप्तता।
  • - किन सरकारी तथा गैर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किया और उसमें किन-किन अधिकारियों की भूमिका थी। अवैध कब्जा हटवाने के जिम्मेदार किन अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की।

गांव में माहौल समान्य कराने में जुटे अफसर

बिकरू गांव में के माहौल में तनाव साफ दिख रहा है और कई घरों में ताला बंद है। वहीं अन्य घरों से लोग बाहर नही निकल रहे हैं। ऐसे में पुलिस और प्रशासन के अफसर गांव वालों से मिल कर सुरक्षा का भरोसा दिला माहौल को सामान्य कराने में जुटे हैं। इसी क्रम में पहले शनिवार और फिर रविवार सुबह डॉ. डीएम ब्रह्मदेव तिवारी ने गांव पहुंचकर लोगों से बातचीत भी की और सुरक्षा का भरोसा दिलाया। 

असलहों की बरामदगी को कराई मुनादी

बिकरू गांव में पुलिस ने शनिवार को भी घटना के दिन पुलिस कर्मियों से लूटे गए असलहों की बरामदगी के लिए मुनादी कराई। चौबेपुर पुलिस ने गांव वालों को हिदायत देते हुए कहा कि असलहों के बारे में पुलिस को गोपनीय जानकारी दे सकते हैं। यदि असलहे नहीं मिले तो तलाशी शुरू कराई जाएगी।


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