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ईएसआइसी में गड़बडिय़ां मिलने पर विजिलेंस टीम ने 23 फाइलों को किया जब्त

विजिलेंस टीम ने तीन दिन तक की जांच पड़ताल 15 फाइलों की फोटोकॉपी कराकर सील कराई

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 10:36 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 10:36 PM (IST)
ईएसआइसी में गड़बडिय़ां मिलने पर विजिलेंस टीम ने 23 फाइलों को किया जब्त
ईएसआइसी में गड़बडिय़ां मिलने पर विजिलेंस टीम ने 23 फाइलों को किया जब्त

कानपुर, जेएनएन। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार को कर्मचारी राज्य बीमा निगम के क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर में तमाम गड़बडिय़ों की शिकायतें मिल रही थीं। खासकर कोविड काल में ट्रांसफर-पोस्टिंग, निर्माण कार्य में लाखों की हेरा-फेरी तथा बीमितों के मेडिकल बिलों के भुगतान से संबंधित गड़बडिय़ां थीं। केंद्रीय मंत्री के निर्देश पर दिल्ली से आई विजिलेंस टीम ने सर्वोदय नगर स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) के पंचदीप भवन में छापा मारा। तीन दिन तक चली जांच में कई गड़बडिय़ां सामने आईं हैं। निजी अस्पतालों को मरीजों के बिलों के भुगतान में हेराफेरी मिली है। बीमितों के लाखों रुपये के मेडिकल बिल निजी घोषणा पत्र पर भुगतान किए जाने का मामला पकड़ा है। बिलों के भुगतान से संबंधित कागजातों की देर रात तक फोटो कॉपी कराई और शनिवार को साथ ले गई। मंगलवार को टीम श्रम मंत्री को अपनी जांच रिपोर्ट देगी।

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सत्यापन के बाद 23 फाइलों को किया जब्त

बुधवार शाम को दिल्ली से विजिलेंस की टीम ईएसआइसी के क्षेत्रीय कार्यालय जांच करने पहुंची। विजिलेंस टीम में उपनिदेशक शिवेन्द्र कुमार, मुकेश कुमार और सहायक निदेशक रोहताश मीणा ने शामिल रहे। टीम के सदस्य गुरुवार, शुक्रवार रात देर रात तक जांच-पड़ताल करते रहे। जांच अधिकारी उस समय हैरत में पड़ गए जब निजी घोषणा पत्र पर बिलों के भुगतान की फाइल सामने आई। सभी बिलों की फोटोकापी देर रात तक कराई। इसके अलावा 15 फाइलों को स्थानीय अधिकारियों से सत्यापन कराकर सील कर दिया। 23 फाइलों में गड़बड़ी अधिक मिलने पर जब्त कर लिया है, जिसे अधिकारी अपने साथ लेकर चले गए।

एक बिल नंबर पर कई दिन तक खरीद

जांच में विजिलेंस टीम ने पाया कि एक ही बिल नंबर पर हफ्तों तक खरीद होती रही। एक तारीख पर बिल बुक में खरीद पर एक नंबर रहा, लेकिन एक महीने के बाद दो नंबर पर अगली खरीद की गई। इस बीच, केयर टेकर में खरीद हुई, लेकिन बिल नहीं काटे गए। उसी नंबर पर वाउचर भी लगाए जाते रहे।

जिम्मेदार अधिकारियों की संस्तुति के बिना ही निर्माण और रखरखाव से संबंधित बिलों का भुगतान होता रहा। कुछ फाइलें ऐसी मिली हैं, जिसमें खरीद पहले की गई लेकिन अनुमति बाद में ली गई।

अवकाश के बाद भी खुला दफ्तर

शनिवार को अवकाश के दिन भी दफ्तर खुला। स्टाफ भी आया, लेकिन टीम ने किसी से कोई बात नहीं की गई। अपर निदेशक आरके कैम ने भी ईएसआइसी निरीक्षकों के साथ बैठक की।  


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