Kanpur Fire News: कानपुर अग्निकांड के पीड़ितों ने सुनाई आपबीती, बोले- लाखों का माल जला-करोड़ों का कर्ज चढ़ा
कानपुर के रेडीमेट कपड़ा मार्केट में लगी आग में कितने करोड़ का नुकसान हुआ इसका अंदाज लगाना अभी मुश्किल हैं लेकिन पीड़ितों ने रोते हुए बताया कि लाखों का माल तो जल गया और करोड़ों का कर्ज भी चढ़ गया। ईद के लिए दुकान और गोदाम में दोगुना माल था।
कानपुर, जागरण संवाददाता। बांसमंडी रेडीमेड मार्केट में हुए भीषण अग्निकांड ने व्यापारियों को बर्बाद करके रख दिया है। तीन साल पहले व्यापारी किसी तरह कोरोना के कहर से उबर पाए थे, लेकिन आग ने सब कुछ तबाह कर दिया। नुकसान भी ज्यादा इसलिए हुआ, क्योंकि ईद के त्योहार के चलते सभी दुकानों और गोदामों में लगभग दोगुना माल डंप था, जिसे बेचकर कारोबारियों ने अच्छी बिक्री की आस लगाई थी, लेकिन भीषण अग्निकांड ने पानी फेर दिया।
आग में जलकर राख हो गईं दुकाने ओर सुनहरे सपने
अग्निकांड से जहां काफी संख्या में व्यापारी तबाह हो गये वहीं उनके यहां काम करने वाले सैंकड़ों कर्मचारियों का भी रोजगार छिन गया। किदवई नगर के अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि उनकी हमराज काम्प्लेक्स में चार दुकानें थीं। आग से सबकुछ तबाह हो गया। गोविंद नगर के भूपेन्दर सिंह राजा ने बताया कि उनकी मसूद काम्प्लेक्स और एआर टावर में दो दुकानें थी जो जलकर राख हो गयी।
आंखों के सामने सब जल रहा था और हम कुछ न कर सके
स्वरूप नगर के दिलीप कुमार ने बताया कि उनकी हमराज काम्लेक्स में दो दुकानें हैं। सबकुछ आंखों के सामने तबाह होता रहा लेकिन वह कुछ नहीं कर सके। नवीन कुकरेजा और शास्त्री नगर के मुकेश कुमार भी अपना दर्द बयां करते हुए मायूस हो गये। उनका कहना कि आग से जहां उनका अपना लाखों का माल जल गया वहीं बाहर से लाखों का माल मंगवाया था जिसके चलते उन पर करोड़ों का कर्जा हो गया है।
3500 कर्मचारियों का रोजगार छिना
भीषण अग्निकांड की चपेट में आकर अर्जन काम्प्लेक्स, हमराज काम्प्लेक्स, मसूद काम्प्लेक्स,एआर टावर और नफीस काम्प्लेक्स की दुकानें चपेट में आकर जलकर राख हो गयी। इन दुकानों में करीब 3500 कर्मचारी काम करते हैं। जो यहां रहकर माल दिखाना, पैक करना,सैंपल ले जाना आदि काम करते हैं। सारी दुकानें जलकर राख हो जाने से यहां काम करने वाले सभी कर्मचारी भी बेरोजगार हो गये अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। बड़ी बात है कि दुकानों में मुस्लिम समुदाय से जुड़े कर्मचारियों की संख्या भी खूब है। ऐसे में उनकी ईद की खुशहाली पर ग्रहण लगता दिखाई पड़ रहा है।