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सांसों पर भारी आइआइटी से मोतीझील तक सफर, खस्ताहाल सड़क दे रही वाहन सवारों को दर्द

जीटी रोड पर आइआइटी से मोतीझील तक के सफर में धूल व गर्द का गुबार और अनगिनत गड्ढों में बार-बार ब्रेक लगाने और गियर बदलने से गैसों का उत्सर्जन अधिक होने से प्रदूषण बढ़ रहा है। वाहन सवारों का आवागमन दर्द भरा हो गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 01:51 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 01:51 PM (IST)
सांसों पर भारी आइआइटी से मोतीझील तक सफर, खस्ताहाल सड़क दे रही वाहन सवारों को दर्द
खस्ताहाल जीटी रोड पर गड्डों में सफर की मजबूरी।

कानपुर, जेएनएन। जीटी रोड पर आइआइटी से मोतीझील तक का सफर सांसों पर भारी है। खस्ताहाल-जर्जर सड़क पर गड्ढों के बीच वाहनों की आवाजाही से जहां धूल-गर्द का गुबार अधिक रहता है, वहीं ब्रेक लगाने और गियर बदलने के चलते इंजन से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन ज्यादा होता है। यह स्थिति सुबह और देर शाम के समय अधिक विकराल हो जाती है। रात में धूल की वजह से सही से दिखाई भी नहीं देता है। वातावरण में धूल की वजह से अतिसूक्ष्म तत्व पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा खतरनाक हालात में पहुंच रही है। कानपुर में वायु प्रदूषण का सबसे प्रमुख कारण यही है। पीएम वन या नैनो पार्टिकल्स की जांच नहीं होती है, लेकिन आइआइटी के विशेषज्ञों का आकलन इसके अधिक होने की पुष्टि करता है।

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प्रदूषण की स्थिति पर एक नजर

पीएम 2.5 और पीएम 10 की अधिकतम मात्रा

स्टेशन पीएम 2.5 पीएम 10

नेहरू नगर 378 384

एनएसआइ 151 92

आइआइटी 244 - (निल)

किदवई नगर 92 78

(आकड़े गुरुवार शाम सात बजे के हैं।)

बार-बार ब्रेक से गिरता 30 फीसद एवरेज

आइआइटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रो. अविनाश अग्रवाल के मुताबिक बार-बार ब्रेक लगाने और गियर बदलने से वाहनों का करीब 30 फीसद एवरेज गिरता है। यह वाहनों के इंजन व चलाने के तरीके पर भी निर्भर करता है। कई बार ब्रेक लगाने और गियर बदलने से कार्बन डाईआक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड, नाइट्रोजन डाईआक्साइड और हाईड्रोकार्बन का उत्सर्जन 30 से 50 फीसद ज्यादा होता है। पुराने इंजन में इसका प्रभाव और रहता है।

गड्ढों की वजह से खराब हो रहे वाहनों के इंजन

सड़क के गड्ढों की वजह से न सिर्फ गर्दन और कमर में दर्द की समस्या बढ़ी है बल्कि वाहनों के इंजन में भी बड़े पैमाने पर खराबी आ रही है। बार-बार ब्रेक लगाने से वाहनों के इंजन में दिक्कत के मामले बढ़े हैं और वर्कशाप में वेटग भी खूब हो रही है। हालत यह है कि माइलेज भी प्रभावित हो रहा है। शाकर , एक्सल, टायर भी खराब हो रहे हैं। साकेत नगर स्थित एक दोपहिया कंपनी के निदेशक जेएस अरोड़ा का कहना है कि गड्ढे, जाम और बार- बार ब्रेक लगाने की वजह से वाहनों के इंजन प्रभावित हो रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या माइलेज की आ रही है। हाईवे के मुकाबले शहर में 60 फीसद माइलेज कम हो जा रहा। शाकर, एक्सल, टायर, कैंची खराब होने की समस्या बढ़ गई है। अफीम कोठी स्थित एक कार कंपनी के शोरूम के जीएम शैलेंद्र तिवारी के मुताबिक गाडिय़ों में क्लच, गीयर, सस्पेंशन खराब हो रहे हैं। गड्ढों की वजह से एवरेज बिगड़ा हुआ आ रहा है।


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